जब जब हिचकी आईं हैं मुझको, तब तब तेरी याद आई है मुझको। पता नहीं ये यादें क्यों हमे सताती, इसका रहस्य तो बताओ मुझको। जब जब दूर रहते है एक दूजे से, मिल नहीं पाते हैं हम एक दूजे से। तब तब हिचकी आती है दोनो को मिलने का […]

मिर्ज़ा असदुल्लाह खान ग़ालिब के बारे में आम राय यह है कि वे उर्दू के महानतम कवियों में से एक हैं। लेकिन इस महान कवि के उर्दू शब्दों के संकलन की दुनिया क्या है? हालाँकि ग़ालिब के दीवान को दर्जनों बार संकलित और संपादित किया गया था, लेकिन शायद ही […]

इंदौर। अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, युनाइटेड ऑर्गनाइजेशन, चेक गणराज्य एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान के साझा प्रयासों से विश्व मानव अधिकार दिवस (10 दिसम्बर, 2020) के उपलक्ष्य में साहित्य-सेवियों की कविताओं को संरक्षित कर ‘मानव अधिकार संरक्षण परिशिष्ट’ तैयार किया गया। मातृभाषा.कॉम से जुड़े देश के विभिन्न राज्यों के साहित्यकारों ने […]

अप्रेल की भीषण गर्मी में चारों मरघट सी निस्तब्धता छाई थी । सड़के सूनीं थी जो आमतौर हुआ नहीं करती ं शहर की सड़कें बार महिनों और चैबीसों घंटों गुलजार रहती हैं। उसको गुलजार करने वालों की संख्या कम या ज्यादा हो सकती हैं परंतु सड़कों से कोई गुजरे ही […]

मैं चिड़ियों के गीत सुनूँगा मैं चिड़ियों के गुण गुनूँगा चहक-चहक कर उनका उड़ना भिन्न-भिन्न ध्वनि में उनका कहना मैं सब सीखूँगा … सवेरे-सवेरे पूरब की लाली देखूँगा बाग-बगीचों में तितलियों के पर गिनूँगा पत्तों पर बिखरीं चाँदी सी ओस की बूँदें जाग उठीं कोमल कलियाँ जो थी आँखें मूँदें […]

दाता सिर्फ एक है कर लो उसको याद परमपिता वह सबका करता सबका ख्याल जितना उसको याद करोगे उतना ही सुख पाओगे भूल गए अगर दाता को फिर बहुत पछताओगे रंक को राजा बनाने मे वह देर नही करता राजा को रंक बनाने मे भी वह देर नही करता ।#श्रीगोपाल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।