सबके भले की बात करे आओ ऐसा पुरुषार्थ करे कोई दुःखी न रहे जग में ऐसी ईश्वर से आस करे खुद को व्यर्थ से दूर करे सद्चिन्तन हमेशा करे बसे रहे प्रभु सदा मन में ऐसा नियमित ध्यान करे हम बदलेगे जग बदलेगा जीवन का लक्ष्य सुधरेगा चरित्र निर्माण अपना […]

दिल में दहक रहे अंगारे, आँखों में गुस्से की ज्वाला है। आ जाए जो नारी खुद पर, कौन उसको रोकने वाला है? मान मर्यादा की ख़ातिर, पी जाए विष का प्याला है। हर रिश्ते में बंध जाए नारी, पहने बंधन की माला है। जिस घर में पूजी जाए नारी, उस […]

एक बार फिर इसी सप्ताह विश्व हिंदी दिवस का आगाज होने जा रहा है। वर्ष 2006 से प्रत्येक वर्ष दस जनवरी को भारत के विभिन्न दूतावासों और केंद्रीय सरकार के कार्यालयों आदि में विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। विभिन्न हिंदी सेवी संस्थाएँ भी इस दिन हिंदी के […]

यह सत्य है कि राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी सदैव ही सियासत की रूप रेखा को नए रूप-रंग में गढ़ने का प्रयास करते हैं। ऐसा इसलिए कि प्रत्येक राजनेता अपने सियासी समीकरण को अपने हित के अनुसार पूरी तरह से ढ़ालने का प्रयास करते हैं जिसमें प्रत्येक प्रकार के सियासी […]

राष्ट्रकवि दिनकर आधुनिक युग के दिनकर, साहित्य जगत में पहचान अमिट रस वीर | कवि दिनकर हिंदी के कलम सम्राट – देकर जन्म धन्य-धन्य हुई धरा बिहार || रेणुका, उर्वशी, हुंकार, रश्मिरथी क्रतियाँ महान, सदा रखा हृदय में, माँ भारती के प्रति मान | ओजस्वी राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत रचीं रचनाएँ […]

मन से भक्ति करने वाले तुम्हे प्रभु मिल जायेंगे। दानधर्म करने वालो को दौलत भी मिल जायेगी। मन से भक्ति करने वाले तुम्हें प्रभु मिल जायेंगे।। होगा ये सब सामाने तेरे तू सब कुछ यही देखेगा। प्रभु की लीला देखकर तू प्रभु चरणो में खो जायेगा। आसमान में उड़ने वालो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।