झलक आँखो में तुम्हारी मुझे अपनी दिखती है। बताओ जी क्या में सही कह रहा हूँ। रखो दिल पर तुम हाथ बताओ अपने दिलकी बात। क्या में सत्य बोल रहा हूँ क्या में सच बोल रहा हूँ।। खिलाखिला सा तुम्हारा चंदन सा ये वदन। महका देता है अपनी खुशबू से […]
बहुतेरे लोग कुत्ता पालते हैं। नहीं भी पालते हैं। दूसरे भी बहुत से पालतू जीवों को पालते हैं। विविध आदतों को भी पालते हैं। पालने पर कोई रोक भी नहीं है। पाल भी सकते हैं। नहीं भी पाल सकते हैं। मनुष्य का स्वभाव है पालना, इसलिए भी पालता है। तनहाई […]
जीवन है चलने का नाम चलते रहो सुबह से शाम नही थकना कभी राह में नही करना कभी आराम दिल जैसे चलो अनवरत फिर भी बने रहो यथावत जीवन पथ पर चलते जाओ सद्कर्मो को करते जाओ ईश्वर तुम्हारे सारथी होंगे युग परिवर्तन महारथी होंगे बहारे स्वागत करेंगी तुम्हारा परोपकार […]
भारतीय भाषाओं को उनका हक दिलाने के लिए 80 के दशक में संघ लोक सेवा आयोग के गेट पर वर्षों तक चलाए गए धरने के अध्यक्ष रहे बलदेव बंशी (1.6.1938-7.1.2018) अपने संघर्ष के लिए हमेशा याद किए जाएंगे. इस आन्दोलन में पुष्पेंद्र चौहान और राजकरण सिंह जैसे योद्धाओं ने अपना […]
देख किसान की हालत को मोरो मन बहुत दुख रऔ है। काय चुनी ऐसी सरकारखो जिसखो किसानो का दर्द दिखत नाईयै।। कभाऊ खेत में हल न चलाओ। तो क्या जाने खेती और किसानो को हाल। कैसे खेत जोते जाते हैं नेता क्या जाने खेतो को हाल। बैठ वतालुकूल हालो में […]
आपको बता दें अवधेश जी फतेहाबाद क्षेत्र के एक उभरते युवा साहित्यकार हैं | इनकी रचनाएं देशभर की तमाम साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में पढ़ी, देेखीं जा सकती हैं | इसके साथ ही इनके संपादन में स्मारिका युवा – धड़कन का प्रकाशन सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है | कृषक परिवार में जन्मे […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।