भीतर की बात रचनाकार का मन सबका मन होवे सै खुद तै हट कै पूरी दुनिया में घट रही घटनाओं को आपणी कविता के माध्यम से अंकुरित करै सै। रचनाकार अपनी कविता एक खातिर नहीं बल्कि पूरे समाज खातर लिखै सै, सबकै लिये लिखै सैं। मैं ग्रामीण जीवन परिवेश से […]
एक सभ्य समाज जिसकी रूप रेखा प्रत्येक दिन गढ़ी जाती है। धर्म का सहारा लेकर समाज से कुरूतियों को दूर करने का उदाहरण भी दिया जाता है। जिसके लिए धार्मिक मान्यताओं को अत्यधिक महत्व भी दिया जाता है। यह एक ऐसा दृश्य है जोकि किसी एक धर्म से संबन्धित कदापि […]
दिन आया अति पावन पवित्र मकर संक्रांति की खुशियां फैलीं सर्वत्र उड़ेगीं आकाश में नीली -पीली पतंग सब जन मिलकर पढ़ो मानवता का मंत्र नहाओ भोर-भोर, कमाओ पुण्य-धर्म करो गंगा, यमुना, कावेरी से पावन कर्म खाकर तिल – लड्डू ,मूँगफली – गजक सब जन समझो त्योहारों का मर्म दान-धर्म कर […]
भारत माता के माथे बिंदी, बड़ी प्यारी लागे भाषा हिन्दी। मां की ममता सी प्यारी हिंदी, मधु सी मीठी लागे भाषा हिन्दी। सरस ,सरल और सहज है हिन्दी, सबके मन भावे भाषा हिन्दी। हर दिल की धड़कन भाषा हिन्दी, रग रग में बसी है भाषा हिन्दी। प्यार की भाषा, परिभाषा […]
मैं हिन्दी का बेटा हूँ हिन्दी के लिए जीत हूँ। हिन्दी में ही लिखता हूँ हिन्दी को ही पड़ता हूँ। मेरी हर एक सांस पर हिन्दी का ही साया है। इसलिए मैं हिन्दी पर जीवन को समर्पित करता हूँ।। करें हिन्दी से सही में प्यार भला कैसे करे हिन्दी लिखने […]
माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी विषय: भारतीय भाषाओं, विशेषकर हिन्दी पर सरकार द्वारा विशेष ध्यान देने का आग्रह। ( यह पत्र प्रधानमंत्री भारत सरकार के स्थान पर आपको सम्बोधित करने के पीछे विशेष कारण यह है, कि प्रधानमंत्री पद की अपनी विवशताएँ होती और एक स्वतंत्र नागरिक के रूप में […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।