क्रोध है शत्रु बड़ा रहता है पास खड़ा नज़र कही आता नही हमसे दूर जाता नही मन के किसी कोने में जगह अपनी बनाता है जब उसे अवसर मिलता हावी हम पर हो जाता है शेष विकार भाई इसी के साथ दौड़े चले आते है विवेक सारा हर लेते है […]

देश के विभिन्न प्रदेशों में इन दिनों सडक सुरक्षा माह का विशेष आयोजन किया जा रहा है। सरकारी विभागों में परिवहन, पुलिस और नगर निकायों को विशेष बजट आवंटित करके उनके उत्तरदायत्वों को निर्धारित किया गया है। यानी इस माह में सडक दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के साथ-साथ वाहन चालकों […]

*नई पीढ़ी के कंधों पर अधिक ज़िम्मेदारी है कविता की- श्री यादव* इंदौर। ‘कविता और कवि सम्मेलनों में आज संयोजक मिल रहे हैं तो बड़ी बात है अन्यथा हमारे दौर में एक ही बाल कवि सम्मेलन होता था इंदौर में। इसीलिए नई पीढ़ी के कंधों पर अधिक ज़िम्मेदारी है।’ उक्त बात […]

तरस रहा हूं चिठ्ठियों को पेट मेरा हो गया खाली पोस्टकार्ड, इनलैंड भूले डाक लिफाफे बने सवाली फेसबुक,व्हाट्सएप चैटिंग ने बेकदरी हमारी करा दी मैसेंजर, ट्विटर ने तो अब हमारी उपयोगिता घटा दी हमे खोलने को तरस गए है हमारे अपने पोस्टमैन भैया टेलीग्राम इतिहास बन गए प्रेमपत्र भी नही […]

जब भी मैं कोई फिल्म देखता हूँ तो मुझे यह देखकर अत्यंत क्षोभ होता है कि फिल्म हिंदी की हो या किसी अन्य भारतीय भाषा की फिल्म का नाम और कलाकारों के नाम आदि विवरण केवल अंग्रेजी में ही होता था। हिंदी में यह प्रवृत्ति सर्वाधिक है। जो आदमी मराठी, […]

‘‘बस ये मान लो पिताजी के अबकी बार जब आऊंगा न तब पूरा डेरा लेकर आऊंगा…..फिर यहीं रहूंगा और यहीं काम करूंगा……अब राधा भी बड़ी हो रही है उसका ब्याह भी तो करना है न…..बस कुछ दिन और….’’ । कहते हुए उसकी आंखें भी भींग गई थीं । उसका मन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।