शीत ओस द्वय हारे, पीत पुष्प देख भारे, ताक रहे भृंग प्यारे, कुसुम पलाश के। चाह रखे मधु पिएँ, कली संग फूल जिएँ, फाग राग चाह लिए, कामना हुलास के। मर्त्य जीव चाह रहे, सुखदा समीर बहे, प्रीति रीति कर गहे, संगिनी तलाश के। रस हीन गंध हीन, मानवी पलाश […]

याद करो उस प्रभु को जिसने तुमको जन्म दिया दुनिया मे लाते ही तुमको मां जैसा उपहार दिया हवा, पानी ,सुंदर प्रकृति मुफ्त में दिया है तुमको पिता रूप में दुलार दिया विवेक ज्ञान दिया तुमको इतना सब मिला है जब कृतज्ञता अभिव्यक्त करे परमात्मा का धन्यवाद यह भाव अभिव्यक्त […]

शब्दो को कहने का अलग अलग अर्थ होता है। शब्दो को जोड़ने से ही शब्द का संसार बनता है। इसलिए हर शब्दो पर खुदको न मेहसूस करें। शब्दाबलि को शब्दो तक ही क्यों न सीमित रखे।। शब्दो के भावों से लोग अलग-2 अर्थ निकलते है। कुछ उसे अपने पर लागू […]

हिसार | कोरोना महामारी के संकट दौर के चलते लगभग एक वर्ष बाद समग्र सेवा संस्थान, सिरसा द्वारा श्री युवक साहित्य सदन, सिरसा में 28 फ़रवरी 2021 को आयोजित साहित्य विमर्श कार्यक्रम में चौदह पुस्तकों का लोकार्पण, चर्चा-परिचर्चा, समीक्षा प्रस्तुति, मान-सम्मान, गीत-संगीत आदि का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य […]

हाथ पर हाथ रखकर बैठना यह आलस्य की निशानी है क्यो समय जाया करते हो यह जिंदगी बड़े काम की है समय नही खाली बैठने का हर क्षण का उपयोग करो सद्कर्मों का यज्ञ रचकर नवनिर्माण की शुरुआत करो सांसे सीमित है काम बहुत है यह ध्यान हमेशा रखना है […]

जोड़ जोड़कर तिनका, पहुंचे है यहां तक। अब में कैसे खर्च करे, बिना बजह के हम। जहां पड़े जरूरत, करो दबाकर तुम खर्च। जोड़ जोडक़र ……। रहता हूँ मैं खिलाप, फिजूल खर्च के प्रति। पर कभी न में हारता, मेहनत करने से । और न ही में हटता, अपने फर्ज […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।