ऐ परिन्दे! उड़, अभी तेरी उड़ान बाकी है; नजर ऊपर तो उठा,अभी पूरा आसमान बाकी है। निर्मल-नील-गगन में गुनगुनाता चल; नित्य-नए सफलता के गीत गाता चल। जाना है जहां तुझे,अभी वो मुकाम बाकी है; नजर ऊपर तो उठा,अभी पूरा आसमान बाकी है। ओस की चादर को चीर के आगे निकल; […]