हो सतत विकास यह संकल्प हो हमारा हर चेहरे पर मुस्कान हो उद्देश्य हमारा देशहित और समाजहित यह ध्यान रख लीजिए नेकनियति बनाये रखिए तुम्हे यही बड़ा बनाएगी सफलता की मंजिल तक तुम्हे यह पहुंचाएगी है देने वाला हमे कौन यह याद रखना होगा परमात्मा को पाने के लिए परमात्म […]

रोज सजने सवरने को दर्पण के समाने आते हो। देख कर तेरा ये रूप दर्पण खुद शरमा जाता हैं।। रोज बन सावरकर तुम घर से जब निकलते हो। देख कर कुवारे लड़के बहुत शरमा जाते हैं।। अपने आँखो से तुम जब निगाहें घूमाती हो। तब कुवारों का दिल डग मगा […]

रामकृष्ण मिशन शिलांग की संयोजना में प्रकाशित त्रैमासिक ई’ पत्रिका का दूसरा अंक Autom 2 मुझे प्राप्त हुआ। हिन्दी ,अंग्रेजी तथा खासी भाषा समावेशित इस पत्रिका को भाषा विशेष में क्रम अनुसार ‘Light’, ‘ज्योति’ , ‘ Ka Jingsai’ नाम दिए गए हैं जिसका एक ही अर्थ निकलता है ,”ज्ञान” । […]

व्यर्थ चिंतन न किया करो समय यूं ही गवांया न करो बीता समय कभी लौटता नही पाप प्रायश्चित बिन छूटता नही पाप का दण्ड मिलता जरूर यही बना है ईश्वरीय दस्तूर हर एक क्षण पुण्य मे लगा दो परोपकार से भाग्य बना लो सदचिंतन से बदलेगी दुनिया स्वपरिवर्तन से सुधरेगी […]

जयपुर । श्री अग्रसेन भवन, जयपुर में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन बोहल शोध मंजूषा, विलक्षणा एक सार्थक पहल व इंडो यूरोपियन लिटरेरी डिस्कोर्स (यूक्रेन) के संयुक्त सौजन्य से किया गया । प्रथम दिवस में विभिन्न विषयों को लेकर सेमिनार का आयोजन हुआ, जिसमें देश- विदेश के शोधार्थियों व विद्वानों […]

खड़गपुर | संसदीय चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी की झोली भर देने वाला जंगल महल चंद महीनों बाद ही इतना उदासीन क्यों है । इस उदासीनता का कैसा प्रभाव आसन्न विधानसभा चुनाव परिणाम पर पड़ेगा । जंगल महल की राजनीति में इन दिनों मुख्य रूप से इन्हीं सवालों के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।