बाजते ढोल मृदंग, फड़कते अंग-अंग कहकर प्रियतम, मुझको पुकारती।           कजरारे ये नयन,           श्याम वर्ण ये बदन           तितलियों के संग-संग           आंगन बुहारती॥ नाक नथनी सजती, पैर पायल बजती मनभावन सजनी, दर्पण […]

   वो पंजाबी लड़की थी, ऊँची पूरी तेजतर्रार और नामी लेखिका भी। शादी हुई,बच्चे भी हुए,किंतु अलगाव हो गया।     बच्चे बड़े हो गए तो वह अकेली हो गई। घर का सारा काम उसे ही करना पड़ता। एक दिन बाजार से सामान लाते समय उसकी स्कूटी बंद हो गई। […]

व्यासजी धर्म प्रवचनकर्ताओं में सबसे अग्रणी माने जाते हैं,सच्चे मार्ग दर्शक ही गुरु कहलाने के अधिकारी हैं,इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। स्कन्दपुराण-गुरुगीता प्रकरण में गुरु शब्द की व्याख्या करते हुए कहा गया है। ‘गुकारस्त्वन्धकारः स्याद् रुकारस्तेत उच्यते। अज्ञान ग्रासकं ब्रह्म गुरुरेव न संशयः॥’       […]

  हमको हमारे दुख का ये एहसास न होता, साँसों की महक तेरी मेरे सांस में होती। बनता नहीं शायर न यू मैं करता शायरी, बिछुड़ा जो मेरा तुम-सा कोई खास न होता।   आँखों में आँसू बनके दर्द बहते ही गए, पूछा जो किसी ने तो ये कहते ही […]

जिसे है भूख रोटी की, भला श्रृंगार क्या लिखे पसीने से रहे लथपथ, बसन्त बहार क्या लिखे। दिखे महबूब की गलियाँ, न ही सावन घटाएँ हीं जले घर में नहीं चूल्हे, बता फिर प्यार क्या लिखे॥         #अशोक ‘अश्क़’ परिचय: अशोक ‘अश्क़’ ,बिहार राज्य के जितवारपुर चौथ(वार्ड […]

सुबह सवेरे आशा का पंछी, उड़ चला फिर नीले आकाश में, उम्मीदों की रोशनी है बस उसके पास में। उसके पंख सुनहरे से तेजी से उड़ रहे हैं, उसकी आकांक्षाओं के बादल आज फिर घुमड़ रहे हैं। इस पंछी से सीखो मित्रों हिम्मत से उड़ जाना, कठिनाइयों से तुम भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।