खेत में पानी आ चुका था, क्योंकि दूध से सफेद बगुले फर्र-फर्र करके आने लगे थे, ठीक वैसे ही जैसे भारतीय नेता फक्क सफेद कुर्ता पहनकर चुनावी मैदान में कूद पड़ते हैं । मैं कंधे पर फावड़ा रखे सरपट खेत की मेड पर चला जा रहा था कि पीछे से […]

होली को त्यौहार मानाने का हर का प्रदेश शहर और गाँवो अपना अपना तरीका है। आज मैं अपने शहर की होली का बारे में याद कर रहा हूँ। मध्यप्रदेश के बीना शहर में होली का त्यौहार मनाने का अपना अलग ही तरीका है। यहाँ पर वैसे तो पांचो दिन होली […]

मिले सभी को सम्मान ऐसा आचरण कीजिए न रहे कोई अभिमान ऐसा स्वमान लीजिये हो परमात्मा से प्यार ऐसा गुणगान कीजिये हो सबका कल्याण ऐसी दुआये दीजिये गैर भी अपने हो जाय ऐसा व्यवहार कीजिये परमात्म याद बनी रहे ऐसा राजयोग कीजिए।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 414

नारनौल। नागरी लिपि विश्व की सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक लिपि तो है ही, यह विभिन्न भाषाओं को भी आपस में जोड़ती है। यह कहना है नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान, काठमांडू के कुलपति गंगाप्रसाद उप्रेती का। मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा गत शाम आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय ई- नागरी लिपि सम्मेलन’ में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने […]

खान मनजीत भावड़िया मजीद मेहनती और हौसलामंद नौजवान के तौर पर उर्दू और हिंदी साहित्य में जाने जाते हैं। खान मनजीत ने इससे पहले भी दो किताबें हिंदी में लिखी है। जिनको पढ़कर इसकी सोच और लगन के बारे में बखूबी पता चल जाता है । खान मनजीत तिसरी कोशिश […]

तुम्हें कैसे रंग लगाएं, और कैसे होली मनाएं ? दिल कहता है होली, एक-दूजे के दिलों में खेलो क्योंकि बहार का रंग तो, पानी से धुल जाता है पर दिल का रंग दिल पर, सदा के लिए चढ़ा जाता है॥ प्रेम-मोहब्बत से भरा, ये रंगों का त्यौहार है। जिसमें राधा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।