सीमा के बाहर से दुश्मन, सरहद के भीतर गद्दार। दोनों एक हुए हैं मिलकर, इन्हें पठाओ यम के द्वार॥ एक हाथ में पत्थर,दूजे हाथ लिए घातक हथियार। भारत माता को पहनाओ, ऐसे नरमुंडों के हार॥ भरतवंशियों! निंद्रा त्यागो, रक्तबीज का करो सफाय। अब तो जागो मीत हमारे, […]