गूँज उठी कानों में, अजन्मी बेटी की आवाज। एक बार तो बतादो ना, मुझको मारने का राज॥ क्या? खता हुई मुझसे, या हो गई मुझसे नादानी। अपने होकर क्यों? कर रहे, हो मेरी खतम कहानी। हाथ जोड़ विनती करती, सुन लो दिल की आवाज। गूंज उठा कानों में……॥ मैं तुम्हारा […]
मैं मन में तेरी याद सजाए बैठा हूँ, तू भूल गई मुझको तो कोई बात नहीं। तेरी पीड़ा निज मन मंदिर में स्थापित कर, करता हूँ जाने कब से नित तेरा पूजन नयनों के जल का अर्घ्य,हृदय प्रतिमा के पुष्प, विरहाग्नि की सुलगा धूप,दुःखों का घिस चंदन प्राणों की आरती […]
हाँ हमें आजाद हुए ७० वर्ष पूरे हो गए, अँग्रेजों की गुलामी से तो हम आजाद हैं, परंतु जातिवाद भष्टाचार,असमानता लिंग भेद,आदि पुराने रीति-रिवाजों, कॊ तोड़कर जन-जन कॊ जागकर एक नई क्रांति लानी होगी, जिससे हम सभी जगह समानता ला सकें, तभी हम सही मायने में आजादी कहलाने और मनाने के सच्चे […]
मंजिल को दृष्टि में रखता…, सजग राहों में गिरता चलता…l खुशियां देता गम को सहता…, आँधी-तूफानों में निश्चल चलता…l छलता-छलता छलते जाता…, पाते-खोते चलते जाता…l प्यासा होकर प्यास बुझाता…, धोखों के ईंधन को खाता…l मंजिल को पाने राहों को टेरता…, मृगतृष्णा को मंजिल माने चलता राहगीर…l मंजिल को सफर का […]
हर आदमी के अन्दर कम-से-कम एक आदमी और रहता है, यानि एक आदमी कम-से-कम दो आदमी के बराबर होता है, कई बार तो हजारों आदमियों के बराबर। एक आदमी के सामने, एक समय में कम-से-कम दो दुनिया होती है, कभी-कभी तो इतनी सारी दुनिया कि, उसे होश ही नहीं रहता […]
रामपुर का रामू घर के सामने खड़ा होकर उनका बड़े ही बेसब्री से इन्तजार कर रहा था। उनकी सेवाभगत करने के लिए कभी वह घर में जाता था कि, उनके खाने-पीने, रहने और बैठने की व्यवस्था देखने के लिए तो कभी बाहर आकर उनकी बाट जोहता। तभी रामू के पिता […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।