रूप के भँवरे चुराने जब लगें नज़रें, जब ढले श्रृंगार का मौसम चले आना। हो अकेलापन कभी महसूस जब तुमको,                                                              […]

नए लोग होंगे नई बात होगी, ढूँढेंगी निगाहें क्या बात होंगी। हम करेंगे इंतज़ार उस घड़ी का, तुमसे हमारी मुलाकात होगी। तुम आओ न आओ मर्जी तुम्हारी, तुम्हारा इंतज़ार सौगात होगी। हमें है तुमसे मुहब्बत ये जान लो, न ख़ुशी से मिलोगे खैरात होगी। खबर हमें भी हैं तुम्हारे दिल […]

जब प्रलयकंर स्थितियां हों, और चुनौती भेज रही हो टकराने को तीरों से जब नियति ढाल-सी बनी खड़ी हो, दिग्भ्रमित कराने को तुमको झंझावात खड़ा बद्ध हो नैसर्गिक हो अथवा न हो ऐसे में यदि मध्य हो,                            […]

नेता जी मेरी भी छोटी-सी विनती सुन लो। एमएलए की सीट के लिए मुझे चुन लो॥ जीतने के बाद जैसे तुम कहोगे नेता जी, वैसा ही काम मैं कर दूंगा सरेआम। जनता की खून पसीने की कमाई छीन-छीनकर आपका घर भर दूंगा सरेआम। उफ़्फ़ नहीं करूँगा चाहे चूस खून लो, […]

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     रमनसिंह सब्जियां लेकर मुड़ा ही था कि उसने अनायास सामने पड़ गए मिश्र जी से दो-तीन सवाल एक साथ कर डाले-‘कैसे हैं सर ?,प्रैक्टिस  कैसी चल रही है ?,आप यहां कैसे?’ – ‘एकदम ठीक’, मिश्र जी ने पहले सवाल का जवाब देना ही काफ़ी समझा।    ज्ञानसिंह मिश्र […]

  जब चाहो तुम कुछ पाना कुछ ऐसा पाना जो कठिन हो बहुत तब तुम करना दृढ़ संकल्प, बढ़ना आगे सिर्फ अपने भरोसे दूसरों से नहीं रखना कोई आस, मुश्किलों से तुम घबराना जरा भी नहीं हिम्मत का दामन तनिक भी ढीला मत करना तुम, धूप भरी दोपहरी और तपती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।