इंसान इंसान को समझता है इसलिए वह प्यार करता है। उनके जज्बातो को जानता है इसलिए वह प्यार करता है। और प्यार की परिभाषा को अलग ठंग से पेश करता है। जिस कारण दिलमें कभी उसके शब्दो से दर्द होता है।। उनके गमों से सिखा की दर्द का एहसास क्या […]

सबके सुख की सोचिए करिए ऐसा काम खुद को सन्तोष मिले पीडितो को आराम धन की गति भी जानिए दान है सर्वोत्तम उपाय स्वयं पर भी खर्च करे वर्ना गति बुरी हो जाए परमात्म ज्ञान यही है जो कहलाये गीता सार जिसने भी अपनाया हुआ उसका उद्धार ।#श्रीगोपाल नारसन Post […]

कुछ याद है ,कुछ याद नही कुछ खो गए, कुछ गुमनाम सही कुछ भुलाये गए कुछ भुलाये नही ऐ जिंदगी ! थोड़ा रुक थमजा … कहते थे यही सब दौड़ भाग में थोड़े कम ज़िंदा मोहलत मांगी थी कुछ हमेशा से खुद के वक़्त के लिए कि सुकून से महके […]

लोग मर रहे हैं सांस-सांस के लिए तड़प रहे हैं चहुंओर भयावह मंजर है । जरा एक नजर तो घुमाओ हॉस्पिटल की ओर आत्मा चीत्कार करने लगेगी । अपनों की परवाह में तिल-तिल मरते अपने… क्या गरीब ? क्या अमीर ? सबको करोना महामारी मौत के मुंह में धकेलती जा […]

बजरंग बली अब आ जाओ, संकट से प्रभु हमको बचाओ। संजीवनी बूटी फिर से लाओ, आकर अपनी सृष्टि बचाओ। आप ही हो प्रभु आस हमारे, हम सबके प्रभु आप सहारे। रघुनन्दन के थे काज सँवारे, बिगड़े बना दो काज हमारे। लाँघ समन्दर फिर आ जाओ, महामारी से हमको बचाओ। पूँछ […]

जैसी करनी वैसी भरनी यही अध्यात्म की सीख जो भी इंसान पाप करे उससे न हो कभी प्रीत पाप का घड़ा भरता है पाप का फल भी मिलता है राजा हो या फिर रंक करनी का दण्ड मिलता है पाप कर्म जिसने किये आत्मा बोझिल उसकी हुई जिसने किये अपराध […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।