तुम निकलती क्यो नही मेरे जहन से, मै तुम्हे भूलना चाहता हूं, मै तुमसे इश्क नही, नफरतों का रिस्ता चाहता हूं। मै बहुत थक गया हूं, अब मै रोना चाहता हूं जी भर के तुमसे लिपट कर मै किसी को कुछ बताने कि स्थिति में नही रहा मै टूट रहा […]

निरंतर बदलाव प्रकृति का नियम है। समय बदलता है, संसाधन बदलते हैं । हम भी बदलते हैं । वर्तमान समय आधुनिक तकनीक के प्रयोग का है । हर क्षेत्र में नई – नई तकनीक अपनाकर बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा रहे हैं । इंटरनेट के आगमन से वे सब जानकारियां […]

रमेश बचपन मे जब चिराग के जिन्न की कहानियां पढ़ता था तब ऐसा लगता था कि काश ये चिराग कही से मिल जाये तो मजा आ जाये। बचपन मे सपने भी ऐसे ही आते थे जैसे काया कल्प करने वाला जिन्न बस जीवन मे मिलने ही वाला है।पर सपने कहाँ […]

मेरे इश्क का वजूद तू, तुझसे जीवीत हर आरजू,,, कभी सुबह की उमंग सी, कभी सुहानी शाम तुम,, मेरे गीतो के अल्फाज सी, मेरी गज़लो की तान तुम, नीली झील के जल में दिखती , नीले आसमान सी तुम,, बातें बहुत तुमसे है करनी, मेरी सोच, मेरा ख्वाब तुम,, आंखो […]

टकटकी लगाकर मुझे वो देखती रही बहाने से खिड़की में चाँद ढूँढती रही आँखें कहीँ मिल न जाए उससे मेरी सर उठता रहा उसकी आँखें झुकती रही गली में मेरी आमद होते ही ये आलम वो अपनी सहेलियों में घिरती रही उससे दूर न होने का वस्ल किया मैंने जब […]

इन दिनों हिन्दी कविता में सबसे अधिक चर्चा हिन्दी ग़ज़ल की है.आज हिन्दी ग़ज़ल को जिन लोगों ने इस मुकाम पर लाया है उसमें एक महत्वपूर्ण नाम विनय मिश्र का भी है.विनय मिश्र हिन्दी के समर्पित ग़ज़लगो हैं जिनके पास ग़ज़ल वाला लहजा भी है.वो ग़ज़ल में उन विषयों को  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।