वातानुकूलित कमरों में बैठ कर चिंतन – मनन करने वाले खाए – पीए और अघाए नेता के लिए लोगों की मुश्किलों को समझ पाना वैसा ही है मानो शीतल वादियों के आगोश में रहने वाला कोई शख्स तपते रेगिस्तान की फिक्र करे। ट्रेनों में आपात कोटे के आरक्षण के लिए […]
पर्यावरण कहे या पंचतत्व मतलब पानी आग, हवा, आसमान और जमीन। यही संसार और जीवन का मूलाधार है। इसी में हम जन्म लेते है और विलीन हो जाते है। यह स्वच्छ तो हम स्वस्थ नहीं तो सब नष्ट। बदतर हालात नष्ट-भ्रष्ट की ओर ही ईशारा कर रहे है। लिहाजा, पर्यावरण […]
उनसे वो पहली ही मुलाकात थी, जैसे चाँद और तारों की बारात थी मिले ख़्वाब जगने लगे ज़ज्बात, रूमानी सी वो अनोखी रात थी झिलमिल सितारों से भरा आसमां था, “मैं” और “हम” का मिलन आज था सर्द सी रात हाथों में हाथ था, लब खामोश धड़कनों का शोर था […]
कालिज में वार्षिकोत्सव की तैयारियाँ चल रही थी,इसीलिए हर रोज आते -आते शाम के पांच बज जाते थे।वैसे भी नवम्बर का महीना चल रहा था।शाम का धुंधलका -सा होने लगा था।गाड़ी से उतरी तो देखा कालोनी में और दिनों की तरह बच्चों की चहल पहल नहीं थी,अन्यथा इस समय तो […]
रात ही है जो दिन के लिए चुनौती है दिन लगातार पीछा कर रहा है रात का यह है कि तंग कर रही है कई बार बहुत लंबी हो जाती है लोग हैं कि इसे पार कर लेते हैं अलबत्ता मैं एक रात की नदी में बह रहा हूं सदियों […]
टूट रहे हैं पुल हर जगह गिर रहा है इन्सान दौलत जीत रही है अब तो आदमी बन रहा हैवान.. चंद सिक्कों की खातिर सब तुले हैं बेचने पर ईमान समर्थ लगे हैं लूटपाट में जनता हो रही परेशान.. चल पड़ा है अजीब सा अब दौर हर दिन के हादसों […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।