लाल – लाल सुराही दो  मुहँ की  सुराही । तप -तपकर बनती प्यारी-न्यारी सुराही ।। शीतल गुणभरी सुराही रखें पानी ठंडा सुराही । ठंडा पानी  पीकर करें प्रशंसा इसकी हर राही ।। गर्मी  का फ्रीज सुराही घर-घर की शान सुराही । जल ही जीवन,अमृत है जन-जन को कहें सुराही ।। […]

जमाने की न जाने , ये कैसी बयार है… नेपथ्य में नायक, मगर खलनायकों की बहार है नाम से ज्यादा बदनामी की पूछ बजता डंका जोरदार है… नेक माने जा रहे बेवकूफ धूर्त – बेईमानों की जय – जयकार है अग्निपथ पर चलने वाले संघर्षशील कहला रहे बोरिंग हिस्ट्रीशीटरों की […]

तुम तो शमा जलती ही रहना। तम न हरुँ, कभी न कहना। है रोशन करना तेरा धर्म तू करती जाना अपना कर्म पर उपकार में रत रहकर, सरिता की धारा सी  बहना। तुम तो शमा जलती ही रहना। तभी तू जग से न्यारी है लगती सभी को प्यारी है जलते-जलते […]

तुम जाते जाते चाहत की गर सभी निशानी ले जाते मन से स्मृतियाँ मिटा सभी आँखों का पानी ले जाते १ मन मुँडेरों पर क्यूँ अब तक यादों के दीप जलाये हो अपने लम्हों की अपने संग हर एक कहानी ले जाते । २ कब माँगे महल दुमहले थे कब […]

तुम सब जानती हो,में कैसा हूँ, कँहा हूँ, अधरों में छुपी बातों को भी तुम जानती हो कि मैं कैसा हूँ, कँहा हूँ।। मेरे बिना कहे समझ भी लेती हो,पढ़ लेती हो, यही तो है तेरा प्यार मेरे लिए कि बिना कहे सब कुछ समझ लेती हो, जो जोड़े रखता […]

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संसद लोकतंत्र के मंदिर के समान है जहांसे देश के विकास की योजनायें और नीतियाँ मूर्त रूप लेती हैं। देश कीसामाजिक, आर्थिक, सांस्‍कृतिक संपन्‍नता के लिए जनप्रतिनिधि कानून बनाने काकाम करते हैं। मुद्दों पर बहस की जाती है, जनकल्‍याणकारी योजनाएं तैयारहोती हैं। ताकि सबको समानता मिल सके। इसके लिए सरकार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।