ख़्वाबों को दफनाकर क्योंकि, कितने अंजाम अभी बाकी हैं। पाकर रहेंगे सुदूर मंज़िल को,  रूह में हौंसला ए जान, अभी बाकी है।। चढ़ रही है पेड़ पर बेफिक्र गिलहरी, ना जाने कितनी उड़ान अभी बाकी है। तुम डरा कर तोड़ रहे थे मुझको, कर दूंगा साबित, प्रमाण अभी बाकी है।। […]

2

हां रोशनी वह शब्द है। यह एक उर्दू शब्द है। जिसे हिन्दी में प्रकाश आंग्ल में लाइट तथा स्थानीय भाषाओं में विभिन्न नामों से जाना जाता है। अब नाम और भाषा से हमें का लेना खैर। रोशनी का हमारे जीवन मा बहुत बड़ा महत्व है। एक कहावत भी है रोशनी […]

  मैं मोहपाश में बंधा हुआ, खुद से ही मैं छला गया, न कोई समुद्र मंथन था, न मोहिनी रूप धर, देव घर मे आए थे, पर फिर जाने कैसे, मैने अपने होश गवाए थे, मेरे हिस्से अमृत आया, या है ये गरल का प्याला, छोभ करू मैं इस निर्णय […]

ज़िन्दगी तुझसे पाया बहुत है पर यार… तूने सताया बहुत है समंदर की प्यास थी,दिये चंद क़तरे उस पर भी तूने जताया बहुत है दी तो ज़रूर तूने दो जून रोटी पर रात दिन भगाया बहुत है यह सोचकर, तू कभी तो सुधरेगी साथ तेरा मैंने निभाया बहुत है जब […]

मेरी मातृ भाषा ही मेरी जननी की भाषा है, हे श्रेष्ठ मानव !  बस इतनी अभिलाषा है  ।           मातृ भाषा का प्रचार करो,           अंग्रेजी का अब त्याग करो।           हिन्दी अपने हिन्द की भाषा,     […]

आज देश का परिधान बदल रहा, बदल रही देश की काया है। हम जानकर भी अनजान हैं, सब समय समय की अद्भुत माया है।। देश की संस्कृति विलुप्त हो रही, विलुप्त हो रही मानवता की प्रेम सुधा। हम जानकर भी अनजान हैं, कंकड़ पत्थर की भी व्यथा कहे विसुधा।। ये […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।