बाबुल मै तेरे बागों की लाडली मैंना थी फुदक-फुदक कर इधर-उधर डोला करती थी दाना-दुनका जो भी दे देता था उसे मै चुपचाप चुग लिया करती थी। पर तुझसे उठाया न गया मेरा नन्हा सा बोझ और तूने पाली मुक्ति मुझे सैयादों को सौप यहां मुझे पिंजरें मै बंद […]

हमारा देश अनादिकाल से ही हर क्षेत्र में स्वस्थ परम्पराओं , रीति -रिवाज और आपसी सद्भभाव का संवाहक रहा है जिसका प्रतिफल सदैव ही सकारात्मक रूप में हमारे सामने आया है। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो हमारी संस्कृति अन्य देशों के लिए भी आदर्श बनी है जिसके कई उदाहरण […]

विहिप ने की देश विरोधी गैर संवैधानिक आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भंग करने की मांग नई दिल्ली ।  विश्व हिन्दू परिषद् ने आज कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के द्वारा देश के हर जिले में शरिया अदालतें स्थापित करने का निर्णय न सिर्फ मुस्लिम महिलाओं वल्कि सम्पूर्ण देश […]

लोगों का क्या है समझते कम हैं बिना जरुरत समझाते ज्यादा हैं समय पर काम आने से कतराते हैं सलाह मुफ़्त है बिन मांगे दे जाते हैं सुनते रहो ऊल जलूल तो ठीक कुछ कहो तो बुरा मान जाते हैं दूसरे के कष्ट में आता है मजा भला चाहने का ढोंग कर जाते हैं कोशिश करता हैं कोई सुलझाने की बेवजह आकर चीजें उलझाते हैं लोगों का क्या है….. #डॉ रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 28

भारत देश एक बहु-सांस्कृतिक परिदृश्य के साथ बना एक ऐसा राष्ट्र है जो दो महान नदी प्रणालियों, सिंधु तथा गंगा, की घाटियों में विकसित हुई सभ्यता है, यद्यपि हमारी संस्कृति हिमालय की वजह से अति विशिष्ट भौगोलीय क्षेत्र में अवस्थित, जटिल तथा बहुआयामी है, लेकिन किसी भी दृष्टि से अलग-थलग […]

कदम मैंने रखें जबसे जमीन पर स्वर्ग सा ही तो लगता जमीन पर धरती माँ की गोद मे बड़ा सुकून है राहत मिलती मुझे बस जमीन पर आसमानों को छूने की ख्वाहिश नहीं मेरा घर ही मिला मुझे जमीन पर खुशियां रंगीनियां महक ये चहक खूबसूरत नजारे सब है जमीन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।