मुनासिब नहीं हर रोज मिलना शहर में बहुत मुश्किल है एकसाथ चलना शहर में। ख्वाहिशें दम तोड़ देती है हर शाम यहां हर सुबह उठाता है नया सपना शहर में। कल की मुलाकात आज पुरानी हो जाती है गिरगिट- सा रंग पड़ता है बदलना शहर में। हंसते-गाते खुशियां मनाते मस्ती […]
