मुनासिब  नहीं  हर  रोज मिलना  शहर में बहुत मुश्किल है एकसाथ चलना शहर में। ख्वाहिशें दम तोड़ देती है हर शाम यहां हर सुबह उठाता है नया सपना शहर में। कल की मुलाकात आज पुरानी हो जाती है गिरगिट- सा रंग पड़ता है बदलना शहर में। हंसते-गाते खुशियां मनाते मस्ती […]

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“लता एक थाली में ज़रा चावल तो भर कर ला”, उसकी बुआ सास बोली। “अभी लाती हूं”। वो थाली में चावल भर कर लाती है……. “ये लो बुआजी पर किस लिए चाहिए ये चावल आप को”। “अरे! भूल गई क्या,बहू को नया नाम देना है”। “ले मुन्ना लिख इसका नया […]

तू मेरे दिल, मेरी जां, मेरे ईमान में है हमसा आशिक न तेरा कोई इस जहान में है ========================== दिखाई देता है हर शख्स में तेरा ही अक्स मिलूँ किसी से भी बस तू ही मेरे ध्यान में है ========================== मेरी वफा का सिला न दे कोई बात नहीं मुझे […]

चंदा मामा थे जो बचपन में अब वह जानू प्रियतम हो गए। किस्से वह बिक्रम बेताल के व्यभिचारी डाल पर सो गए।। सार्थकता वह पंचतंत्र की फिल्मों में अब समा गई। सुन्दर सुशील परियां अब छली भयानक रूप दिखा गईं।। अलाउद्दीन का चिरागी जिन्न असभ्य पत्रिका से डर गया। बीरबल […]

इश्क ने चेहरा है बदला,, बदले रांझे हीर है,,, वो पहले वाले प्यार कंहा,, बदली लैला मजनू की तस्वीर है,,, रूह से प्रैम नही अब होते,, सब जिस्म के चाहगीर है,, सच्चा प्यार अब छलावा लगता है,, सब होने पर पछतावे की पीर है,, खुद को सच साबित करने की […]

देख रही हूँ आखों में सपने इन को  हकीकत का नाम दे दो जमीन तो तुम  दे नहीं सकते  बस मेरे हिस्से का  आसमान दे दो हर युग में छली  गई  फिर भी सहती गई हूँ बहुत  हो गई अग्नि परीक्षा, अब तो इनका परिणाम दे दो बस मेरे हिस्से का  आसमान दे दो गृहस्थी  की गाडी  खीँच रही  कंधे   से कन्धा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।