तेरे साथ गुज़ारे लम्हात,    मेरी क़ीमती जागीर है ।  तेरे मुस्कुराकर देख़ना ही,    मेरे ख़्वाबों की ताबीर है ।।  तेरे बिन अधूरा सा हूं ,     मंज़िलें नहीं मिलती है ।  निकलता हूं सफ़र पर,       मुझे राहें नहीं दिखती है ।।  पहली ख़ुशी ज़िंदगी […]

भोपाल । राज्‍य सरकार ने सहकारिता विभाग में लोक सेवा आयोग के द्वारा सीधी भर्ती के माध्‍यम से चयनित सहायक आयुक्‍त यह सहायक पंजीयक के लिए विभागीय परीक्षा उत्‍तीर्ण करने के नये नियम जारी किया है। जिसमें गैर हिन्‍दी  भाषी सहायक आयुक्‍त को हिन्‍दी का पेपर उत्‍तीर्ण करना जरूरी किया […]

चमन वालो तिरंगा हम लहरायेंगे वन्दे मातरम मिलकर हम गाएंगे हस्ती कोई हमारी मिटा सकता नहीं दुनिया वाले भले हमे आजमाएंगे गर्व करते है हम हमारे वतन पर बढ़ते कदम हमारे न डगमगाएँगे वादा है हमारा और इरादा भी  है दुश्मन ही  हमारे  मुँह की  खाएंगे वतन के खातिर गर […]

पिछले हजारों सालों में समाज के अन्दर महिलाओं की स्थिति में बहुत बड़े स्तर पर बदलाव हुआ है। अगर गुज़रे चालीस-पचास सालों को ही देखे तो हमें पता चलता है की महिलाओं को पुरुषों के बराबर हक़ मिले, इस पर बहुत ज्यादा काम किया गया है। हम यह तो नहीं […]

हिंदी व्याकरण हताशा देख रहा हूँ , महफ़िल में खूब तमाशा देख रहा हूँ । अलंकार को भूखा प्यासा देख रहा हूँ, महफ़िल में खूब तमाशा देख रहा हूँ ! चुटकुला कवि में खासा देख रहा हूँ, महफ़िल में खूब तमाशा देख रहा हूँ ! अश्लीलता को फ़िज़ा सा देख […]

असम के चाय बागान में मजदूरों के साथ जो अत्याचार हो रहा है, उसे कौन बंद करवाएगा ? जब पहली बार मैं असम के चाय बागान में गया और मजदूरों के साथ उठा-बैठा तो मुझे मालूम पड़ा कि उनकी हालत लगभग वही है, जो जानवरों की होती है। उनके कपड़े, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।