तीन रंगो में है लिपटी , एशिया में है रहती , अशोक चक्र से पहचान है , हिंदी जिसका अभिमान है , हिंदुस्तान उसका नाम है , हिंदुस्तान उसका नाम है । नीले चादर तले , गंगा यमुना बहती है , शालीमार की बाग , हिमालय वहीं की बेटी है […]

विश्व में फहराए पताका, ऐसी राजधानी चाहिए, व्यवस्थाओं को जो बदल डाले, ऐसी जवानी चाहिए। सत्य हराने को, रिश्वत में जो नोट होता है, हर नोट पर, ”सत्यमेव जयते”लिखा होता है। सत्यमेव जयते का अपमान, अब बंद हो, हर भ्रष्टाचारी के मुंह पर, घोर प्रतिबंध हो। लिखे काली करतूतों की […]

महाकाल की नगरी उज्जैन में पूजा-अर्चना कर भगवान के आशीर्वाद के साथ “नया मध्यप्रदेश नयी रफ्तार, शिवराज सिंह अबकी बार’ का लक्ष्य सामने रखकर जन आशीर्वाद यात्रा को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया। इसके साथ ही भाजपा ने 2018 की फतह के […]

बहुत वक़्त गुज़रा है, वक़्त को तराशते हुए। घुप्प अँधेरे में माचिस, तलाशते हुए।। अब नहीं है वक़्त कि, ख़ुद को शो-पीस बना लें। अब सही वक़्त है कि ख़ुद को माचिस बना लें।। ताकि जल सकें मोमबत्तियाँ,जल सकें मशालें। ताकि लौट जे आ सकें ,फिर से उजालें।। बहुत ज़रूरी […]

सच्चे मन से करों दुआ परमात्मा सुन लेगा जो भी तुम चाहोगे वही वह कर देगा अपने लिए तो सभी मांगते दुसरो के लिए मांगकर देखो दुआ कबूल हो जायेगी एक बार दुआ करके तो देखो परोपकार है सच्ची सेवा सुख भी मिलता इससे अपार इंसानियत की कसौटी पर कभी […]

हारे में आग बुझी नहीं है । ढंडी चिलम ऒर बासी हुक्के की नाल थामे बरसा की चर्चा में खपता आज भी वह पुरखों से कहाँ कम है । बूढ़े बाप के चेहरे पर जेवड़ी बाँटती हुई झुर्रियाँ बेटे को देस के मामलों पर विचार नहीं करने देतीं। फिलहाल पहाड़-सी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।