शांतचित है मूल आधार खुशी रहती इसमे अपार व्यर्थ सोच की जगह नही करते किसी का बुरा नही विकार मुक्तता प्रमुख है गुण अहंकार रूपी नही है घुण समानता समभाव के है धनी प्यार की ऐसो मे नही है कमी आत्म स्वरूप मे जीवन बिताते परमात्म ज्ञान से जीवन सजाते। […]

आखिर किसकी तलाश है तुम्हे धन की? जो क्षणिक है, जो लालच, अहंकार पैदा करता है, जो अपनों से अलग करता है, जो भौतिक जरूरतें ही पूरा कर सकता है। सम्मान की ? उस झूठे सम्मान की चाह, जो अल्पकालिक होता है, जो भय से भी मिलता है, जो निहित […]

स्वामी अग्निवेशजी के साथ झारखंड के एक जिले में भीड़ ने जो व्यवहार किया है, वह इतना शर्मनाक और वहशियाना है कि उसकी भर्त्सना के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। एक संन्यासी पर आप जानलेवा हमला कर रहे हैं और ‘जय श्रीराम’ का नारा लगा रहे हैं। आप श्री […]

पर्वत को तू हिला सकता है; भूतों को तू डरा सकता है; हर दानव को हरा सकता है; जल की बूँदें जला सकता है। तू तो है अनजान, पता न “जीवन कैसे है जीना”; तीन ही सीढ़ी चढ़ा और बोला- खत्म हो गयी सीमा। “बिन पग के न उड़ूँ” सोचते […]

 मन के मनके: काव्य-संग्रह ◾◾◾◾◾◾◾◾◾◾ कवियित्री : डॉ. पुष्पा जोशी संस्करण  : प्रथम, हार्डबाउंड 2018 प्रकाशक : अमृत प्रकाशन, दिल्ली पृष्ठ         : 110 मूल्य       : 250/- रूपये मात्र *************************** कबीरदास जी ने कहा था – माला फेरत जग भया, फिरा न मन का फेर । […]

*आज का सेहतनामा>>डिप्रेशन* जब आप खुद को ही खुद से अलग कर देते हैं तो यह लक्षण है डिप्रेशन का। यह एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी, कभी भी अपने घेरे में ले सकती है। कुछ लोग तो इस डिप्रेशन नामक बीमारी को झेल नहीं पाते हैं और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।