सखि अब सावन बारह मास। पर कहाँ?सावन सा हुलास। । नयन सरिता बह रही रोके नहीं रुक रही कटते नहीं निशि बासर मन की अकुलाहट बढ रही नजरें फिरती उदास ।            सखि……। यह रिमझिम और फुहार कुंजन की सुखद बयार बिखरा कुसुमों का सौरभ भ्रमरों […]

प्रीत का ये इशारा हुआ। आज मेरा गुजारा हुआ।। आप बैठो सदा पास में। दूर कोई सितारा हुआ।। राह दिखती नही हैं हमें। आँख का नम नजारा हुआ।। वक्त की मार जिस पर पड़े। आज मौसम गवारा हुआ।। चाह उसकी नज़र का अभी। प्यार भाये पुकारा हुआ।। रोम में जो […]

इस संसार में हम और आप सभी लोग जन्म लेकर आते है और कुछ दिनों या सालो का इन्तेजार और समय व्यतीत करके फिर उसी जगह वापिस चले जाते है / सिर्फ छोड़कर जाते है कुछ अच्छे और सच्चे या कुछ विवादित शब्दकोष और फिर लोग जाने के बाद उन्ही […]

किसी की भी निगाह में मैं अब खुदा नहीं रहा अब तो मुझे भी गुनाह की इजाज़त मिलनी चाहिए उम्र की दहलीज पर वो अब भी एक बच्ची है उसकी हरकतों को कुछ नई सी शरारत मिलनी चाहिए आवाम कब तक यूँ ही कठपुतली सी तमाशा देखेगी सिम्त जज़्बातों को […]

वो मिलने आ रहे थे किसी और काम से । दुनिया ने यूँ ही जोड़ लिया है हराम से ।। जब भी हुआ चुनाव तो झंडा उठा लिए मतलब इन्हें कहाँ है न अल्ला न राम से ।। ऐसा नहीं कि उससे ताअल्लुक नहीं रखा खत भेजता रहा हूँ किसी […]

1. *पर्यावरणहिं* मान सब,धरा और असमान। धरती के  चारो  दिशा, बने बनाव  अमान।। 2. पंच तत्व *पर्यावरण*,क्षिति जल गगन समीर। पावक  मय  संसार सब ,समझे   सोई  धीर।। 3. जीवन धन *पर्यावरण* पेड़ और सब वन्य। जंगल बिन मंगल नहीं, मानव हो कर्मन्य।। 4. स्वच्छ रहे  *पर्यावरण* तभी सिरजते प्रान। सजग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।