। ले चलो ऐ ‘अश्व’ मुझको उस धरा के छोर, पाप रहित क्षेत्र हो; तम न हो; हो भोर। भ्रमण करता ‘क्षेत्र’ में; गर्दभ-मति लिए हुए, पशु,प्रेत बन भटक रहा अज्ञात; शून्य से परे। देखता हूँ ‘मन की हलचल’ लोचन का प्रकाश ले, कह न ‘बधिर’; सुन सका न-गूँज अन्तर्रात्मा […]

शिव साधना करते रहो चाहे सुबह हो या शाम शिव ही पार लगाएंगे रहते है जो परमधाम शांति के परिचायक शिव आनन्द के जनक है शिव विकार सारे हर लेते पावन सबको बनाते शिव याद शिव की बनी रहे ऐसे करो तुम अपने काज् जीवन सफल हो जायेगा शिव पहनाएंगे […]

वो गया दफ़अतन कई बार मुझे छोड़के पर लौट कर फिर मुझ में ही आता रहा कुछ तो मजबूरियाँ थी उसकी अपनी भी पर चोरी-छिपे ही मोहब्बत  निभाता रहा कई सावन से तो वो भी बेइंतान प्यासा है आँखों के इशारों से ही प्यास बुझाता रहा पुराने खतों के कुछ […]

कांग्रेस पार्टी देश की सबसे बड़ी विरोधी पार्टी है लेकिन उसके नेता कितने भौंदू सिद्ध हो रहे हैं ? उनके भौंदूपन ने सारी विरोधी पार्टियों की हवा निकाल दी है। कल तक कांग्रेस असम में नागरिकता के सवाल पर भाजपा सरकार की भर्त्सना कर रही थी। राहुल गांधी और ममता […]

(1) नमस्कार भी है नहीं,उनको क्यों स्वीकार। मेरी अच्छी पोस्ट भी,देते वह दुत्कार।। देते वह दुत्कार,रहें निज भौंहें ताने। तुले हुए जो लोग,झूठ को सत्य बताने।। कह सतीश कविराय,न उगलें निज गुबार भी। सरस नहीं स्वीकार,है जिनको नमस्कार भी।। (2) मंच दिलाने बढ़ रहे,प्रतिभाओं को चोर। कलियुग की महिमा सरस,फैली […]

दर्द  भरा  है  अभी तेरी मां के दिल में, मैंने  तो अपने दिल को समझा दिया । मगर  तू  तो  हो गया पत्थर दिल बेटा, घर  तूने  जब  से  अलग  बसा लिया । कैसे  भूलूं  मैं जिंदगी का वो दिन बेटा, जब  तू  चुपके  से कोख में आया था । […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।