कभी कभी हमारे और आपके जीवन में कुछ इस तरह का घटित हो जाता है जिसे हम और आप पूरी जिंदगी नहीं भूल पाते है / ठीक इसी तरह की घटना मेरे जीवन में घटी, जिसे में आज तक नहीं भूल पाया हूँ / सावन और चातुर्मास का महीना अभी […]
मैं बीज हूँ नफरत का, मेरे लिए जमीन तैयार किया गया है, मैं अभी तो अंकुरित हो रहा हूँ, फिर भी, असर दिख रहा है जन मानस पर, अपनों के बीच भी दरार है, वृक्ष का रूप भी होगा मेरा, फैलूंगा जन-जन में, राष्ट्र में, विश्व में,ब्रह्माण्ड में, छांव भी […]
आजाद देश में आजादी की तलाश अभी भी जारी है। आजादी के पहले गुलामी एक मुसिबत थी, अब आजादी एक आफत गई। बेबसी आज भी हम आजाद देश के गुलाम है। व्यथा सत्ता बदली है व्यवस्था नहीं, स्वाधीन देश में रोटी-कपडा-मकान-सुरक्षा-सुशासन और दवाई-पढाई-कमाई-भलाई-आवाजाई-भाषाई पराधीन होने लगी। यह सब मोहलते, सोहलते […]
गा लो सुहाग के गीत आज ,, हंस खेल सजालो साज सखी,,, बलिदान हमारा आज सखी। ढल गयी उमर, हो गये विदुर,, जागा वैभव का तृष्णा स्वर,, बन गयी जन्म-पत्री अनमिल,, कुछ रजत ठीकरो के बल पर,, चढ आये वर सज धज बरात , गिर पडी भाग्य पर गाज सखी […]
15 अगस्त विशेष………….. तीन सालों में तीन सौ से अधिक किसानो ने आत्म हत्याये की है जिनमें उत्तराखण्ड में आत्महत्या करने वाले किसान भी शामिल है। लेकिन किसान को खुशहाली की आजादी दिलाने के बजाए केन्द्र व राज्य की अधिकांश सरकारे सत्ता की कुर्सी बचाये रखने के लिए दलबदल की […]
अनुबंध और तमाम शर्तों के बाद भारत के नीले आकाश में गुलाबी गुलाल के बादलों ने 15 अगस्त 1947 की सुबह को अपने आलिंगन में ले लिया था, यह वही समय रहा जब लाल किले ने तिरंगे को देखा होगा, शायद भारत के भाग्य में अर्द्ध रात्रि को मिली रहस्यमयी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।