अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में हुआ| उनके पिता का नाम कृष्णा बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था| उनके पिता कृष्णा बिहारी वाजपेयी अपने गाव के महान कवी और एक स्कूलमास्टर थे| अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ग्वालियर के बारा गोरखी के […]

भारतीय राजनीती के एक युग का अंत…. जो जिया हो भारत भारती के लिए, जिसने ताउम्र केवल राष्ट्र जिया, कविता के शब्दों से संसद के गर्भगृह को सुशोभित किया हो, पोखरण परमाणु परिक्षण से विश्व को भारत की शक्ति का आभास कराया, कारगिल युद्ध से पाकिस्तान को औकात दिखाई हो, […]

मन की बात कहें क्या प्यारे मन का कोई पता नहीं, हुए पराये सभी हमारे मन का कोई पता नहीं! ००० जीवन में कायम हैं अब भी कई तरह के अँधियारे, ढूँढ़ें हम कैसे उजियारे मन का कोई पता नहीं! ००० तन्हाई की बात करूँ क्या वो तो परम संगिनी […]

मैं पैदा इंसान अवश्य हुआ पर शूद्र होना ही मेरी नियति थी सवर्ण समाज से मेरी व्यथित विसंगति थी इतिहास दर इतिहास काल-कलुषित सर्वथा मेरी तिथि थी एकलव्य,कर्ण, चंद्रगुप्त के विजयध्वजों पे भी अपमान की कई सदियों बीती थी किसने अपने स्वेदों में भी शूद्रों को हिस्सा माना है घर,बर्तन,कुएँ, […]

भारत माँ के वीर पुत्र, त्याग की साक्षात् मूर्ति श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को कुछ मौन से शब्दों में भावपूर्ण श्रद्धांजलि हे भारत के भाग्य विधाता तेरा वैभव अमर रहेगा हे परमाणु के वर दाता तेरा साहस निडर रहेगा मौन रहा मृत्यु का सागर जब तक सांसें अटल रही […]

व्यक्ति नही फ़रिश्ता था उनसे गजब का रिश्ता था जीवन मे उनके कविता थी वाणी मे बहुत मधुरता थी सोच समझकर बोलते थे एक एक शब्द तोलते थे दल से ऊंचा कद था उनका सत्यवादी मन था उनका राष्ट्र के वे सजग नेता थे पत्रकारिता के प्रणेता थे भारत के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।