संतो की वाणी में सत्य तो होता है . भगवान को भी  संतो की वाणी की रक्षा  करनी ही पड़ती है .संत मलूक दास जी के इस दोहे के संदर्भ में इन दिनो देश में तरह तरह की योजनायें चल रही हैं . अकर्मण्य और नकारा लोगों के हितार्थ सरकारें […]

बन प्रणेता                   ।भरा मानस मानस रचकर            ।  दिलाये पहचान दिया आधार।१     ।       तुलसी ज्ञान।२ ममत्व भरा                   ।दिये तुलसी सिखलाये मर्यादा।           मार्गदर्शिका बन मानस शब्द।३             तपस्या फल।४ मिले निदान                   मानस धार हरिशरण पथ                हरता है चिंतन मानस पाठ।५             शब्दों में सार।६ जगत गान                          महान कवि करता निरंतर                      छोडकर निकले मानस पाठ।७                     […]

कृष्ण कुल से कहते येदु , मान सुगन्ध केवरा जैसी। कृष्णभजन में दीवानी है, भाव भक्ति है मीरा जैसी। जीवन सुरभित चंदन जैसा, मैना  कोयल  जैसा स्वर है। वर्ण सुवर्ण,भाव  भी  उत्तम, मीन से अक्षि सौम्य सुघर है। पच्चीस अगस्त जन्म दिवस, राखी से  पहले ही जन्मी है। लगता जैसे […]

होते थे पहले कभी कच्चे धागों से बंधे रिश्ते पक्के ! ये रिश्ते हों खून के या फिर धर्म के ही क्यों न हो निभते थे – जीवन पर्यंत आल्हादित मन से पर अब , होता नही है ऐसा आ गया है इन रिश्तों में भी धागे की तरह ही […]

           ज़िंदगी के कई दिन और कई राते यूँ हीं गुज़र जाते हैं । यही सोचते-सोचते कि आख़िर क्या हम वही सोच रहे हैं, जो हमें सोचना चाहिए था या हमारी सोच कुछ धुँधली तस्वीरों में अटकी हुई है, जिनका पर्दे पर तो कोई नामो-निशान नहीं […]

आहट होने लगी है रक्षा बन्धन त्यौहार की बाते होने लगी है भाई बहन के प्यार की भाई बहन दोनो चाहते एक दूसरे की खुशहाली को पवित्र प्रेम सदा बना रहे राखी और कलाई को यह पर्व है नये संकल्पों को अमलीजामा पहनाने का कम से कम एक बुराई स्वयं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।