पिंकी परूथी “अनामिका”एक ऐसा नाम, जो जितना सौम्य व्यक्तित्व है , उतना ही सहज और ज़हीन भी । समर्पित भी और सहयोगी भी । अंतरा शब्द शक्ति प्रकाशन से प्रकाशित , उनकी नई कविता की पुस्तक “मैं आल्हादिनी ” पढ़कर मन प्रमुदित है । बेहद कम समय में भावों का […]
निशिदिन के अभ्यास से, बिसरी विद्या आय। बिन अंगरेजी ज्ञान के, कोई पूछत नाय ।। जय जय जय अंगरेजी माता। तुम्हरी कीरति सब जग गाता।।1 ए से एपल बी से बेबी। नइ पीढी ने तुमको सेवी।।2 कटबटहट सब एक समाना। पुट का भेद हम नही जाना।।3 पश्चिम की तुम हो […]
ऐसा नहीं है कि नए रचनाकारों में प्रतिभा नहीं होती या वो अच्छी रचना नहीं लिख सकते। मैंने स्वयं यह अनुभव किया है कभी-कभी कुछ कम उम्र के छात्र या लोग मंचासीन या प्रसिद्ध रचनाकारों से बेहतर रचनाएँ लिखते हैं, पर उनकी रचनाओं को पढ़ने या कद्र करने वाला […]
जो देखूँ दूर तलक तो कहीं बियाबाँ , कहीं तूफाँ नज़र आता है इस फ़िज़ा की मुस्कराहट के पीछे कोई श्मशान नज़र आता है इंसानों ने अपनी हैवानियत में आके किसी को भी नहीं बख्शा है कभी ये ज़मीं लहू-लुहान तो कभी घायल आसमाँ नज़र आता है मशीनी सहूलियतों ने […]
हर दिन को अच्छा मान करते रहो अच्छे काम कोई भी दिन बुरा नही संकल्प बुरा है बेकार अच्छा सोचो अच्छा बोलो अच्छा ही बन जाओगे स्वस्थ्य मन बुद्धि होगी सबके प्यारे हो जाओगे अच्छेपन से आगे बढ़कर जीवन लक्ष्य पा जाओगे। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई १९६४ […]
जिम्मेदारीं की गठरी ले,मैं दोड़ आया हुं,, ऐ नोकरी मैं घर छोड़ आया हुं,, बचपन के वो खेल खिलोने, रेत से बनते घर के घरौंदे,, वो बारिश़ का पानी जो काग़ज की कश्ती डूबोदे,, उन सारी यादों से मैं मुहं मोड आया हुं,, ऐ नोकरी मैं घर छोड़ आया हुं,, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।