केन्द्रीय हिन्दी समिति की 31वीं बैठक 6-09-2018 को माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में उन्हीं के निवास पर संपन्न हुई। इस बैठक में गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह के अतिरिक्त मानव संसाधन विकास मंत्री, रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, गृह राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं […]

(भूख से मरी वो दोनों बच्चियां मुझे सोने नहीं दे रहीं रोज रात को आकर वो मुझसे खाना मांगती हैं रोटी दिखाते ही वो हँसकर लौट जाती हैं । अगर आदमी जैसा कुछ भी है शरीर में तो सोंचिये विचारिये मनन करिए और उनके जान जाने के दर्द को महसूस […]

ये तुम्हारी जड़ता तुम्हारी अकर्मण्यता एक दिन उत्तरदायी होंगी तुम्हारे ह्रास का और कठघरे में खड़ी होंगी और जवाब देंगी सृष्टि के विनाश का परिस्थतियाँ खुद नहीं बदल जाती हैं या सम्भावनाएँ यूँ ही नहीं विकसित हो जाती हैं पूरी की पूरी एक नस्ल एक पीढ़ी को अपनी आहुति देनी […]

इधर नकलची उधर नकलची, नहीं हैं बोलो किधर नकलची? कवि ख़ुद को वह लिखते लेकिन, हैं सचमुच वे कुधर नकलची मंचों पर सम्मान मिले तो, हँसें खोलकर अधर नकलची! बड़े-बड़े सँग देते उनका, कैसे पाएँ सुधर नकलची! ‘सरस’ न इच्छा हो जाने की, बैठें खुश हो जिधर नकलची! जीवनवृत *सतीश […]

दिल तुझ पे हम अपना हार बैठे। सागर में कसती….. उतार बैठे। हसरतों को दी जब उड़ान हम ने। सारी हदें हम अपनी  भुला बैठे। मिलता है प्यार नसीबों से अपने। हम नसीब अपना आजमा बैठे। फितरत में नही है वेवफाई हमारे। हम अपना दिल ओ जान लूटा बैठे।। सुना […]

प्रिया एक समझदार लड़की है,जो बचपन से एक ऐसे माहौल में पली बढ़ी है जहां पर उसने हमेशा अपने बड़े बुजुर्गों और माँ बाप का आदर सम्मान किया है और अपने माँ बाप की सारी बाते मानते हुए अपनी पढ़ाई की है।अपने पिता के सख्त स्वभाव के बाद भी उसने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।