पंचकुला (हरियाणा) | बोहल शोध मंजूषा के सम्पादक व गुगनराम एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष एडवोकेट नरेश कुमार सिहाग जी द्वारा लिखित पुस्तक ‘राधे मोहन राय की साहित्य साधना’ का भव्य विमोचन पंचकुला में प्रो.राधे मोहन राय जी, पंजाब के पूर्व राज्यपाल ले. जरनल श्री बी. के. एस. छिब्बर, पूर्व जज […]

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कहाँ-कहाँ फैली है गंदगी क्या-क्या तुम साफ करोगें सड़क,गली मोहल्ले और बेटी से भी इंसाफ करोगें बीड़ी,शराब और तम्बाकू या हो सिगरेट का धुँआ सब के सब है हानिकारक कहलाता मौत का कुआँ मौत वह भी नही जो आसानी से आ जाती है हाँ,मौत वह है जो तड़पा-तड़पा कर खाती […]

मन में कोई दरवाज़ा है उस दरवाज़े पर दस्तक़ भी होती ये मैंने तब जाना जब तुम आये बंद आँखो से तुम्हें लिखती हूँ वो कविता तुम हो होठो पे हर वक्त फबते हो वो ग़ज़ल खास तुम हो हर घडी तुम्हें सुनती वो लाजवाब धुन तुम हो तुम्हारी हसरत […]

कुछ लोग मंदिर को मदिरालय से मस्जिद को मय-ख़ाने से जोड़ गए आस्था से खेला संवेदनाओं को चक्कर में छोड़ गए और नासमझ मनुष्य मंदिर से मदिरालय के मस्जिद से मय-ख़ाने के रिश्ते पर यकीं कर बैठा   #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 28

सोशल मीडिया पर कहाँ है मातृभाषा उन्नयन संस्थान   मातृभाषा उन्नयन संस्थान को हमेशा से हिन्दी के प्रचार हेतु तकनीकी के प्रति सजग संगठन के रुप में जाना जाता रहा है।  ज़ाहिर है कि संस्थान ने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति को चिन्हित भी किया है। संगठन का […]

तारे घबराते हैं शायद इसीलिये टिमटिमाते हैं सूरज से डरते हैं इसीलिये दिन में छिप जाते हैं। चाँद से शरमाते हैं पर आकाश में निकल आते ह़ैं तारे घबराते हैं शायद इसीलिये टिमटिमाते हैं। लोग कहते हैं अंतरिक्ष अनंत ह़ै लेकिन मैंने देखा नहीं मैं तो केवल इतना जानता हूँ सूरज बादल में छिप जाता है चाँद बादल में छिप जाता है सो तारे जब डरते शरमाते होंगे बादल में छिप जाते होंगे। तारे घबराते हैं शायद इसीलिये टिमटिमाते हैं।   #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 31

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।