दुनिया की जनसंख्या में आधी आबादी महिलाओं की है . दुनिया के प्रत्येक देश में इन की दशा व दिशा में भिन्नता है परिस्थितियां व परिवेश सहित परंपरागत मान्यताओं से यह प्रभावित होती है . इन सब के बावजूद भारतीय समाज मे नारी की दुर्दशा चिंतनीय है . चिंतनीय इस […]

“तिन्नी एक कप चाय और चार पीस ब्रेड को सेक कर रवि को दे दे। दस बज गए हैं, फिर उसके खाना खाने का समय हो जाएगा।” नीतू ने अपनी बेटी को कहा। “मम्मी! मैं नहीं बना सकती ,मैंने नेल पेंट लगाया है, खराब हो जाएगा, रोज तो देती हो […]

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बैठी हूँ मैं आस लगाऐ मुन्ना कब घर आयेगा थक गई है,बुढ़ी आँखे कब तक मुझे सतायेगा बड़ा नटखट था बचपन में सरपट दौड़ लगाता था भागी-भागी मैं तेरे पीछे तु फिर भी निकल जाता था देखकर भूखा तुझको मुन्ने मैं भूखी ही सो जाती थी उठकर रोता रात को […]

बेचैन दिल को करार क्यों नहीं आता मुझसे मिलने मेरा यार क्यों नहीं आता जब हम मरते है इतना दिलों जान से उसे भी मुझपर प्यार क्यों नहीं आता वो देखकर मुझको नजर फेर लेता है मिलने मेरा दिलदार क्यों नही आता तसल्ली तो दे जाए मेरे दिल को कोई […]

मेरे सफ़र  की न जाने  कैसी ये शुरुआत हुई, जीते थे लाख सम्मान मगर ये कैसी मेरी हार हुई. दाना चुग परिदों की घोसलों  के लिए उड़ान हुई, सपनो के घर में जिन्दगी अब मेरी मेहमान हुई. मेरे जिए किरदार की तस्वीर अब  परछाई हुई, बूढी काया मेरी  अब औरों की मोहताज़ हुई. शतरंज के […]

सदा सकारात्मक सोचिए सकारात्मकता है वरदान इससे बढ़ती मिठास बहुत बढ़ता समाज में सम्मान सकारात्मकता सदराह दिखाती मंजिल को पास ले आती नहीं तनिक भी हानि इसमें यह तो है सदगुणों की खान सकारात्मक सोच का संकल्प बन जाएगा ठोस प्रकल्प यही सुख का आधार बनेगा परमात्म प्यार का सार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।