हम भी प्रतिकूल परिस्थियों के कारण और कुछ प्रयासों के विफल हो जाने पर प्रयास करना छोड़ देते हैं। हम स्वयं को अपनी ही नकारात्मक सोच के बन्धनों में बाँध देते हैं,और यह मानने लगते हैं कि हमारे प्रयास कभी सफल हो ही नहीं सकते,लेकिन वास्तव में हमें यह नहीं […]

..”शारदीय नवरात्र” के बाद आनेवाला “दूधिया रौशनी” का “अमृत” बरसाने वाला त्यौहार “शरद पूर्णिमा” की हार्दिक शुभकामनाये.. खुली धरा पर पसरी शरद चंद्रमा की चांदनी छिटक चाँदनी की ख़ुशबू, मिलन की यमिनी धरती के हर आँगन पर, पूर्णिमा का आभास हर नारी में गोपी, और नर में कान्हा का वास […]

आ तो सगला ने हरसावें। इण री शान कदै ना जावें। इरो जस हिलमिलकर गावें। छकड्यो राँका रो। झण्डाें बाघसूरी में लहरावें। बाला साहब री याद दिलावें। नारेल दीपक ज्योत जलावें। छकड्यो राँका रो। इण री अम्बिका माता प्यारी। सती माता लखमा देवी न्यारी। दिहाड़ी माता करती रखवारी। छकड्यो राँका […]

क्या लिखूं क्या न लिखूं लिखा कुछ जाता नही आज के बदतर हालात पर कहा कुछ जाता नही रिश्ते नाते सगे सम्बन्ध सिर्फ दिखावे को रह गए खोजने चलो उनमे अपनत्व कुछ भी हाथ आता नही राजनीति ने ले लिया अब सच से ही पूरा सन्यास जिस राजा पर किया […]

रश्मिरथी  डॉ हरिओम पवार: अग्नि गीतों से भारत माँ की उतारते आरती  डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ घायल भारत माता की तस्वीर दिखाने लाया हूँ मैं भी गीत सुना सकता हूँ शबनम के अभिनन्दन के मै भी ताज पहन सकता हूँ नंदन वन के चन्दन के लेकिन जब तक पगडण्डी से संसद तक कोलाहल है […]

उप-राष्ट्रपति वैंकय्या ने हिंदी के बारे में ऐसी बात कह दी है, जिसे कहने की हिम्मत महर्षि दयानंद, महात्मा गांधी और डाॅ. राममनोहर लोहिया में ही थी। वैंकय्याजी ने कहा कि ‘‘अंग्रेजी एक भयंकर बीमारी है, जिसे अंग्रेज छोड़ गए हैं।’’ अंग्रेजी का स्थान हिंदी को मिलना चाहिए, जो कि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।