***************** सत्य का उसने दीप जलाकर असत्यपूर्ण अंधकार मिटाया, सत्याग्रह की राह पर चलकर भारत भूमि स्वतंत्र कराया। लकुटी ही थी एक सहारा, लकुटी को न कभी उठाया। एक धोती लपेटे रहते, सत्य का सिर पर ताज था। तन था उनका साँवला, अफ्रीकन का साथ दिया। बाल्यकाल से दयावान थें, […]

सफर में मिलते तो बहुत है / परन्तु पुन: कम ही मिलते है / और जो पुन: मिलते है / तो फिर वो बार बार मिलते है / अपनी खुद की पहचान बनाओ / जो बहुत मुश्किल से बनती है / नाम मिटने वाले बहुत मिल जायेंगे / और ख्याति […]

अनुराधा और नीलम 12वीं की परीक्षा  पास कर ली थी। आज वह दोनो  जम्मू  विश्वविद्यालय में पत्राचार माध्यम से बी.ए. प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने आई थी। उन दोनों को न तो विश्वविद्यालय के विभागों की जानकारी थी और न ही वहां कोई जान पहचान का था। वह दोनों बहुत […]

क्या इंसान में इंसान भी  कहीं  जिंदा  है। क्या अभी भी इंसान का ईमान जिंदा है।। रोज  दूसरे  लोगो  के कर्मो का आंकलन करता है। क्या अभी भी तेरे अंदर का मासूम बच्चा जिंदा है।। घटती हुई उम्र के साथ सब कुछ कहीं पीछे छूट रहा है। वो दुखो से […]

रिश्तो से चलती ये जिंदगी और बिगड़ती रिश्तो से। देखे रिश्ते खून के और कुछ देखे रिश्ते प्यार के।। कुछ शब्दों के कहकहों से कुछ देखे मौन रहे से। कुछ देखे इकरार के और कुछ देखे इजहार के।। कुछ रिश्ते ठूठ खड़े थे और कुछ खिलते गुलाब से। सूखे पेड़ […]

माँ की *ममता* की बात अलग पिता के प्यार करने का अंदाज़ अलग करते हैं दोनों प्यार बच्चों से बहुत मगर दोनों की चाहत होती अलग अलग माँ ममता लुटाती बच्चों पे नाज़ नख़रे सहती हज़ार पिता थोड़ा सख़्त रहते बच्चों से दिल से प्यार करते बेशुमार माँ संस्कारों से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।