सत्य आचरण धर्म तत्व है , प्रेम मानस का सार। लाख छुपाय छिप न सके, असत्य की होत हार ।। घट घट ईश्वर वास है, खोजत चहुँ दिश नैन। हरि मिले दीन कुटी में, भजते गुण दिन रैन।। राधा नाची बंशी धुन, गोपी श्याम नचाय। शबरी के जूठे बेर, प्रेम […]

रास्ते बेदखल ना करदे तुझे , यूँ अकड़ के भी ना चल। ज्यादा हवा में ना उड़,कम से कम आसमाँ को ना छल।। वो  ऊपर  जो  बैठा  है , सब  का  हिसाब लेगा। पौधे  से  गिरे  पत्तो के  अस्तित्व को तू झुठलाता, तू भी गिरेगा नीचे कभी ,खुद को खुदा […]

कैसा यह संसार है  बाबा , पैसा है  तो प्यार है  बाबा || टूटी हूई पतवार है बाबा , और  जाना उस पार है  बाबा || पहले यह दुनिया , दुनिया थी , अब काला बाज़ार है  बाबा || झूठ से जब इज्जत मिलती है | सच कहना बेकार है  […]

युगों युगों से सहते आये नारी की व्यथा करुणा है, अबला नही अब सबला है ये दुर्गा लक्ष्मी वरुणा है। द्रौपदी आज बीच सभा चीत्कार रही, कितनी सारी निर्भया खून के आसूं बहा रही। चीर हरण अब रोज होता कृष्ण नही अब आते हैं, छोटे छीटे मासूम भी हवस की […]

दर्द कागज़ पर, मेरा बिकता रहा / मैं बैचैन था, रात भर लिखता रहा../ छू रहे थे सब, बुलंदियाँ आसमान की / मैं सितारों के बीच, चाँद की तरह छिपता रहा // अकड होती तो, कब का टूट गया होता / मैं था नाज़ुक डाली, जो सबके आगे झुकता रहा […]

( प्राथमिक  जानकारी) सुन्दर दोहा लीजिए, सुन्दर भाव बनाय। तेरह ग्यारह मातरा, यथा योग्य  लगाय। यथायोग्य लगाय,चरण अंतिम दोहे का। रोला छन्द बनाय,चरण पहला रोले का। पहला  दोहा शब्द, अंत रोले के  सुन्दर। भरें भाव भरपूर,बने कुण्डलिया सुन्दर। .                         …..बाबू लाल शर्मा *प्रथम दो पंक्ति दोहा* (13,11 ) दोहे के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।