चाहत है शिखर पर बैठकर आसमान छू लूँ। मैं बादलों को हाथों मे लेकर,जी भर खेलूं। मैं किरणों की कूची से चित्र निर्मित करूं सुनहरे सूरज से मांगकर चमकीला रंग ले लूँ। पत्थरों से निकल झरना बन विस्तार पाऊं गुनगुनाती सरिता बन गहरे समुद्र से मिल लूं। जंगल के ऊंचे […]
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मालवा की प्यारी मीठी मालवी में लिखी गई पुस्तक “पचरंगो मुकुट ” के लिए मालवी के साहित्यकार श्री राजेश भंडारी “बाबू” को दिल्ली के खचाखच भरे साहित्य अकादमी सभागार,रविन्द्र भवन न्यू दिल्ली में सर्व भाषा ट्रस्ट द्वारा २२ दिसम्बर शनिवार को “सूर्यकांत त्रिपाठी निराला साहित्य सम्मान २०१८” प्रदान किया गया […]
