भारतीय भाषा सम्मान यात्रा का प्रथम पड़ाव पुणे था यहां कात्रज में महावीर प्रतिष्ठान में बैठक रखी गई थी जिसमें स्थानीय समाज के अति महत्वपूर्ण प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे।  बैठक में सर्वप्रथम श्री बिजय जैन तथा डॉ एम एल गुप्ता ‘आदित्य’ ने भारतीय भाषा सम्मान यात्रा के मंतव्य और उद्देश्य की […]

नये साल की पावन वेला में प्राची ने अरुणिमा विखरायी है ललितकलाओं में श्रेष्ठ साहित्य उसमें भी काव्य रंगोली छायी है कविकोविद वाल्मीकि तुलसी दिनकर नीरज पंवार तक आयी लूटती वाहवाही श्रोताओं की उनके हृदय पटल में समायी है ।   बदल रहे हम साल दर साल कलेंडर पर कलेंडर […]

कुछ देर तो अँधेरों में भी गुज़ारा करो कभी कि रोज़ चाँद पूनम का निकल नहीं सकता आज आप सरकार हैं तो सब उलट देंगे क्या तलवार की धार भी तारीख*बदल नहीं सकता जिस दिल को रुसवाई की आदत हो जाए फिर बहार भी आ जाए तो मचल नहीं सकता […]

वक्त गुजर रहा था अपने हिसाब से वह 29 दिसम्बर की सर्द इरात थी अगले सुबह मुझे और रिनू को जाना था नये साल सेलेब्रेशन पर इसलिए हमलोग तैयारी में लगे थे दर असल मेरी छुट्टी आज ही अप्रूव हुई थी इसलिए मैने दो टिकिट ट्रेभल एजेंसी से उपलब्ध करवा […]

मांडव उत्सव पर विशेष कविता………..       कण-कण जिसका प्रेम  गाथा सुनाएं प्राकृतिक सौंदर्य सबके मन को भाएं । विन्ध्यांचल  पर्वत  श्रंखला  पर बसा माण्डव का गुणगान  सारा जग गाएं ।। हिंडोला , जहाज महल देख मन हर्षाएं चतुर्भुज श्रीरामजी दर्शन मांडव में पाएं । रूपमती महल से माँ नर्मदा […]

पानीपत| जैमिनी अकादमी पानीपत हरियाणा द्वारा आयोजित 24 वीं अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता 2018 में ख्यातिलब्ध साहित्यकार संपादक व शिक्षक शशांक मिश्र भारती को उनकी लघुकथा निरुत्तर के लिए सांत्वना पुरस्कार मिला है।अकादमी के निदेशक डा0 वीजेन्द्र कुमार जैमिनी के अनुसार दिनांक 25@11@2018 को आयोजन के बाद सम्मान पत्र पुरस्कार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।