लेकर चमन की सारी खुशियाँ मचलने लगी है बागों की कलियाँ । नीली , पीली , रक्तिम , गुलाबी खिलने लगी है बागों की कलियाँ ॥ ओस की बूँदों पे सूरज की किरणें पड़ते ही सजती है मोती की लड़ियां । रंग -बिरंगी विभिन्नाकृतियाँ अवनि पे उतरी इन्द्रधनुषी छवियाँ । […]
नव वर्ष का स्वागत सत्कार करेंगे एकदूजे से बेइंतेहा प्यार करेंगे डीजे बजा बजा कर करेंगे मस्तियाँ मिलकर साथ सारे बातें हजार करेंगे पिकनिक कोई पार्टी में धूम मचेगी वीराने में भी देखना हम बहार करेंगे पास किसी के कोई गम भी न होगा इस तरह खुशियों की बौछार करेंगे […]
पुराना साल जाने वाले है,उनको अलविदा नया साल आने वाले है, उनको नमस्कार।। कैसे-कैसे कठिनईयां आई पुराने साल में कैसे-कैसे घटना-घटी जिंदगी की राहे में कुछ गलतियाँ हुई पुराने साल में,अनजान कुछ सिख की नई अनुभव मिली इस जहाँ में।। कुछ दोस्त बने पुराने साल की इस सफर में कुछ […]
जीवन की आखिरी पड़ाव पर कुछ एहसास बाकी है। मूँदते आँखो से कुछ देखने की शायद आस अभी बाकी है। सफर में जो छूट गए थे अधूरे से सपने उन्हें पूरा होने की उम्मीद बाकी है। ऐसे तो न थे तेरे इरादे बदले हुए तेवर की फजीहत अभी बाकी है […]
इश्क शहनाई प्यारे नगाड़ा नहीं। मुहब्बत दूनी दो का पहाड़ा नहीं। बेवफ़ा ना मुझको ऐसा इल्ज़ाम दे। घर वफ़ा ने किसी का उजाड़ा नहीं। दिल लगी तुम्हारा है खेल क्या। यह अनमोल गोहर कबाड़ा नहीं। यह वहम कि मैं हिरनी हूं शेरनी। खैर मानो अभी तक दहाड़ा नहीं। जिंदगी वो […]
तेरे आने के इंतज़ार में बिताये हमने हैं कई साल कैलंडर तो हम बदलते रहे पर मनाया न कभी नया साल गुजर गए फिर बारह महीने पर सुखा न आसुंओ का सेलाब अब सजदा भी करूँ कैसे जब तेरे इश्क में हुए हम कंगाल दिल में सहेज कर बैठे है तेरे वादों की किताब को आज भी जी रहे हम […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।