पीठ पर गठरी लादे, सफेद ट्रीम की हुई दाढ़ी वाला बाबा महीने में एक बार उस गांव में आ ही जाता था । जब भी आता था गांवभर की औरतें उसे घेर लेती और अपनी-अपनी पसंद का सामान पूछती थी उससे । पूरी बिसायत का सामान लिए वो बस गली-गली, […]

मां की ममता त्याग औऱ तपस्या मां की मूरत ईश्वर का है नूर मां की ये लोरी सुरों की सरगम मां का आंचल चंदा जैसी शीतल गंगा सा है निर्मल। पिता का साया बरगद की छाया पिता का त्याग सन्तान का भविष्य पिता का दर्द जान सका न कोई पिता […]

अंतर्मन की आशाएं , दिल के सारे सपने। होंगे   क्या   पूरे ,उम्मीद   बनाये   रखना।। दवात जो भरी है अपने ही अश्को की स्याही से, क्या सच लिख पाएगी कलम,ये उम्मीद बनाये रखना। आजकल ये रोज मैं जो पन्नो पर बाट रहा है। ये टूटे सपने है मेरे,जिन्हें मैं रोज छाट […]

इन्दौर। सुप्रसिद्ध शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. एस.एन.तिवारी की स्मृति में श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति में इंदौर के पांच साहित्यकारों का सम्मान किया गया। यहाँ मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार प्रो.कमल दीक्षित ने लेखक विजयसिंह चौहान को साहित्य सेवा के लिए सम्मानित किया।  अनेक नामचीन साहित्यकारों के इस शहर में […]

दर्पण दिखाता है शक्लो सूरत,  सामने जैसी भी हो मूरत, सज धजकर सलीके से बैठो तो खूबसूरती दर्शाता है उबासियाँ, बेतरतीबियाँ, बदगुमानियाँ भी दर्शाता दर्पण जैसा हो प्रतिबिंब, वैसा ही नजर आता है , विषादयुक्त, हास्ययुक्त छवियाँ दर्शाता है दर्पण , बाहरी रूपरंग दर्शाने के साथ अन्तर्मन का भी साथी […]

मम्मी! आप नीचे गिर जाएंगी, क्या मैं यह समान आपको उतार कर दे सकती हूँ? पता नहीं अचानक आई आवाज़ से या ऊपर रखे कार्टन को ढंग से न पकड़ पाने की वजह से, मेरा सन्तुलन बिगड़ गया और ऊपर से ही भरभरा कर मैं जमीन पर गिरने ही वाली […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।