चलिये नव वर्ष के मौके पर चंपारण के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए थोड़ा चिंतन करें कि विकास के इस दौर में आजादी के 71 वर्ष बाद भी हमारे सीमाई शहर रक्सौल का हाल क्या है और हम कहां हैं… आज हमें यह समझना भी जरूरी है कि विकास […]
अच्छे बुरे वक्त में भी जो बिल्कुल एक समान रहे, इस दुनिया में उसकी अपनी एक अलग पहचान रहे, =============================== जब भी सजदा किया है मैंने यही दुआ बस माँगी है, आए कितनी भी मुश्किल पर कायम मेरा ईमान रहे, =============================== रह ना जाए हसरत कोई जो चाहो वो कर […]
नमस्कार बाबू जी। ‘ नमस्कार भैया ।’ ‘आज तो बड़ी आस लगाकर आया हूँ।’ ‘ आज मुझे इसी समय एक हज़ार रुपये की जरूरत है, मैं बैंक में जाने नहीं पाया।कल बैंक से निकलवाकर दे दूँगा।’ मुझे पता था, शराबी है। मैंने पूछा-वापिस कब कर दोगे ? बाबू जी, बैंक […]
नई दिल्ली | माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा श्रीराम जन्मभूमि मामले में अपील की सुनवाई सम्बन्धित पीठ द्वारा आगामी 10 जनवरी को सुने जाने के लिए टाल दी गई है. अच्छा होता कि सम्बंधित पीठ का गठन सुनवाई की पिछली तारीख, यानि 29 अक्टूबर, से पहले ही कर दिया जाता. देखना […]
लोग कहते हैं कि २०१९ नया साल है, लेकिन नये वर्ष में कौन सा धमाल है, हर साल में ही होता सिर्फ वही गोलमाल है, सभी दलों में मधुर संबंध और बोलचाल है, जनता यहां की केवल मूर्ख और वाचाल है, वो नहीं समझते नेताओं की ही एक चाल है, […]
एक था बातुक उसे दोस्ती थी राज कुमार से वह जब कहीं जाता बातुक को अपने साथ ले जाता। एक दिन वे दोनों जा रहे थे धने जंगल सून-सान विरान राहों पर राजकुमार ने पूछा? बातुक कुछ बोलो! ऐसे चुप क्यो हो? बातुक कुछ सोचकर बोला! राजकुमार- “हम तुम एक […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।