सुबह-सुबह रमुजिया की झोपड़ी पर नगर निगम के कर्मचारियों ने धावा बोल दिया | दलील थी कि देश के प्रधानमंत्री शहर में दौरे पर आ रहे हैं और उनका काफ़िला इसी मुख्य सड़क से होकर गुजरेगा | वे अगर ऐसी गंदी झोपड पट्टी को देखेंगे तो उन्हें बुरा नहीं लगेगा […]

चुनु – मुन्नू  थे  दो  चूहे  भाई, इधर – उधर  वो  घर  मे  घूमे, रसोई  में  रखे  खाने  को  चूमे, राजू   की   मम्मी   उनसे   घबराई, उन्हें पकड़ने के लिए चूहेदानी लगाई। चुन्नू था दोनों भाइयो में भोला भाला, पिंजरे में रोटी देख उसका मन ललचाया, अंदर जाकर रोटी को जब […]

नजर का बहाव कहूँ या दिल का लगाव कहूँ असर इस कदर हुआ कि अंदाज बदलने लगे। सुरत लाजवाब कहूँ या तारीफे आफताब कहूँ होठ गुलाब कहूँ या बागों की गुलिस्ता कहूँ असर इस कदर हुआ कि मदहोश होने लगे। गोरे बदन कहूँ या इठलाती चाँद कहूँ गेसूओं को खोलकर […]

तुम पुष्प से सुकुमार हो, तलवार की भी धार हो। तुम ही भविष्य हो देश का, मजधार मे पतवार हो। माँ भारती को मान दो, और बड़ो को सम्मान दो। जो दुष्टता करते यहाँ, उन दुष्टों को अपमान दो। कर्तव्य पथ पर बढ़ चलो, और जीत सिर पर मढ़ चलो। […]

 # मध्यप्रदेश के १८  जिलों को मिला नेतृत्व  इंदौर। हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कार्यरत संस्था ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ के नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कमल की अनुशंसा से प्रदेश महासचिव प्रिन्स बैरागी द्वारा मध्यप्रदेश में दल विस्तार किया व जिला […]

आज दिल बेचैन है और बड़ा बेकरार है, बहुत याद आ रहा वो गाँव वाला यार है, बार-बार नजर आज उसका चेहरा आ रहा है, जैसे मुझे वो भी चीख-चीख के बुला रहा है, है गुजारा उसके साथ मैने सारा बचपन, साथ मौज-मस्तियां,शैतानियां करते थे हम, सबसे अलग,सबसे जुदा बहुत शानदार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।