नजर का बहाव कहूँ
या दिल का लगाव कहूँ
असर इस कदर हुआ कि
अंदाज बदलने लगे।
सुरत लाजवाब कहूँ
या तारीफे आफताब कहूँ
होठ गुलाब कहूँ
या बागों की गुलिस्ता कहूँ
असर इस कदर हुआ कि
मदहोश होने लगे।
गोरे बदन कहूँ
या इठलाती चाँद कहूँ
गेसूओं को खोलकर
झुक रही इस तरह
असर इस कदर हुआ कि
नीयत मचलने लगे।
महकता बदन कहूँ
या खुश्बू की तारीफ करूँ
असर इस कदर हुआ कि
अब कदम बहकने लगे।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति