दुनियाभर में है लघुकथाओं का बाज़ार- डॉ. पुरुषोत्तम दुबे लघुकथा जीवन मूल्यों को बचाती- डॉ. पद्मा सिंह लघुकथा पर गंभीर विमर्श के साथ प्रदेशभर से आए लघुकथाकारों ने किया लघुकथा पाठ इन्दौर। हिन्दी भाषा और उसकी विधाओं के प्रचार के लिए प्रतिबद्ध मातृभाषा उन्नयन संस्थान व श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य […]

14 सितम्बर हिन्दी दिवस विशेष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ भाषाओं की मर्यादाएँ, सीमाएँ न केवल संवाद की मध्यस्थता तक हैं बल्कि राष्ट्र के समृद्ध सांस्कृतिक वैभव का परिचय भी भाषाओं के उन्नयन से ही होता है। जिस तरह समग्र विश्व में आज भारत की पहचान में तिरंगा, राष्ट्रगान वन्दे मातरम […]

बिलासपुर। हिन्दी महोत्सव 2024 के अंतर्गत छंदशाला परिवार और मातृभाषा उन्नयन संस्थान छत्तीसगढ़ इकाई के संयुक्त तत्वावधान में राजभाषा केन्द्रित काव्यपाठ का आयोजन स्थानीय आरपा इन होटल में किया। संस्थान की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रश्मिलता मिश्रा द्वारा आयोजित और डॉ श्रीमती सुनीता मिश्रा द्वारा संयोजित इस कार्यक्रम में कवियों और […]

लघुकथा पर गंभीर विमर्श के साथ प्रदेशभर से आए लघुकथाकार करेंगे लघुकथा पाठ इन्दौर। हिन्दी भाषा और उसकी विधाओं के प्रचार के लिए प्रतिबद्ध मातृभाषा उन्नयन संस्थान व श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के संयुक्त तत्त्वावधान में हिन्दी महोत्सव 2024 के अन्तर्गत शनिवार को समिति सभागार में दोपहर 1 बजे […]

इन्दौर। वर्षों तक इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन करवाने और बतौर प्राचार्य विद्यार्थियों के निर्माण का कार्य करने वाले व्यक्तित्व डॉ. नरेन्द्र नागर को लन्दन की प्रतिष्ठित पत्रिका इंग्लिश न्यूज़ द्वारा शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया गया। भारत में पत्रिका के संपादक प्रो.(डॉ.) दीपक राउत ने यह सम्मान किया। ज्ञात हो […]

इन्दौर। शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों का मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा शिक्षक दिवस पर ‘राष्ट्र निर्माता सम्मान’ से सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में भारत सहित यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि देश के शिक्षक भी सम्मिलित हुए। मातृभाषा उन्नयन संस्थान की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भावना शर्मा ने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।