मेरे छत पर बैठी चिड़िया, मांगे मुझसे पानी रे.. बून्द-बून्द को तरसे आंगन, तरसे बाग-बागानी रे। ताल-तलैया सूख गए, सूखा आंख का पानी रे.. बादल रुठे,रुख ठूठे, रुठी बरखा रानी रे.. मेघराजा भूल गए मग, बिसरा चुल्लू पानी रे.. मेरी छत पर बैठी चिड़िया, मांगे मुझसे पानी रे..। बिन पानी […]