प्यार करो तो यूँ करो, ज्यों नीला आकाश। भेज रहा है मेघ को, नित धरती के पास॥ खूब जलाया मही को, बुझा रहा अब प्यास। मानो दिल के मिलन की, रुत आई है खास॥ हरियाली मदमस्त है, झरने गाएं गीत। नदियों से नाले मिले, खूब निभ रही प्रीत॥ दादुर गीत […]
बरसो,बरसो रे मेघ, बरसो,बरसो रे मेघ। धूप से सूख रहे हमारे खेत, बरसो,बरसो रे मेघ। बरसो,बरसो रे मेघ॥ नदी,पोखर,तालाब और नाले, कब बहेंगे फिर होकर मतवाले। रिमझिम फुहारों को धरती पर भेज, बरसो,बरसो रे मेघ। बरसो,बरसो रे मेघ॥ मेंढक,झींगुर,मोर,पपीहा, बुलाए तुमको मेघ संवरिया। गर्मी से झुलस रही इनकी देह, बरसो,बरसो […]