छोटे-से धार्मिक विवाद में साम्प्रदायिक दंगा आग की तरह पूरे शहर में फैल गया। मारपीट,लूटपाट,गाली-गलौच,चीख-पुकार,पत्थरबाजी,खूनखराबे से शांत गलियाँ हाहाकार करने लगी। भीड़भाड़ की करुण पुकार और बेरहमियों के अत्याचार की गूँज काॅलेज से घर-घर लौटती हुई लड़कियों ने सुनी,यह विकराल दृश्य देखकर वे डर से काँपने लगी। चार आतताईयों के […]

स्कूल,स्वागत द्वार सजाएं, आओ प्रवेश उत्सव मनाएं। तिलक से करें हम स्वागत, नवप्रवेशी बच्चे शाला आएं॥ बेटा-बेटी को खूब  पढ़ाएं, अशिक्षा का तिमिर मिटाएं। शिक्षा ही विकास की सीढ़ी, ऐसा संदेश घर-घर फैलाएं॥ किताब,गणवेश मुफ्त पाएं, स्वादिष्ट  भोजन  मन भाएं। साईकिल,छात्रवृति,बेहतर शिक्षा हेतु नामांकन कराएं॥ बच्चे दौड़े-दौड़े शाला आएं, आओ […]

तन-मन,चिंतन कर दिया, तुम्हें समर्पित राम। फिर अपनाते  क्यों  नहीं, राघव करुणाधाम?॥ प्रभु मारुति !अब कीजिए, मर्मान्तक आघात। अहंकार   करने   लगा, फिर मन में उत्पात॥                                               […]

केरल की खूबसूरत  जगहों  में  से एक वेनाड की यात्रा  करना  जीवन  के हसीन पलों को अपनी स्मृति  में  संजो लेने  से कम नहीं है। समूचा वेनाड  जिला यूँ  तो सुरम्य प्रकृति,हरीतिमा,घने जंगल और जंगली जीवन का उन्मुक्त  नजारा  है,लेकिन अपनी गाड़ी  में  अपने पसंदीदा दल के साथ अगर आप […]

चाटुकारों का ही जलवा दिखता है, उनके हिस्से में ही ‘हलवा’ दिखता है। आप करते हैं प्रदर्शन कुछ नहीं, हम करें तो उसमें ‘बलवा’ दिखता है। आपके आँसू दिखे अखबार में, किंतु हमको एक ‘छलवा’ दिखता है। शोषकों की ज़िन्दगी है सुर्ख़ियों में, अपना तो झुलसा ही ‘तलवा’ दिखता है। […]

श्वांस सब रवाँ-रवाँ, मौसमों की डोलियों में खुशबुएं रमा-रमा, कहार-सा श्रावण चला। घुमड़ रहीं हैं बदलियाँ, अठखेलियाँ जवाँ-जवाँ शबाब पर हैं बिजलियाँ, कड़क रहीं यहाँ-वहाँ। ये श्वेत अश्व मेघ के, घटा के रथ को खींचते छलका रहे हैं व्योम से, अमृत कलश जहाँ-तहाँ। उठता रहा समुद्र से, टकरा रहा पहाड़ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।