नाक़ाबिल तो हम न थे मग़र, क़ाबिलियत पर सवाल उठता रहा। लेकर इम्तेहान जमाना कड़े, हर दम हमें आजमाता रहा। चिंगारियाँ थीं हसरतों की कुछ दिल में, चिंगारियों से उजाला मैं पाता रहा। बुने हैं कुछ सपने जिनके वास्ते, उन्हीं से मैं गुलशन सजाता रहा। खोकर मैं तन्हाईयाँ अपनी उनके […]

क्या तेरी फितरत में जलना और जलाना है, क्या तेरे दिल में आग में जलना और आग लगाना है। क्या तेरे उसूलों में नफरत रखना औऱ नफरत करना है तू क्यों इंसान होकर शैतान बनकर बैठा है। क्या तेरा दिल पत्थर-सा है, ऐसा लगता नहीं कहीं किसी कौने में जरूर […]

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आखिर भारतीय सेना में महिलाओं को युद्ध में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने की अनुमति मिल गई,ये खबर जब पढ़ी तो उन महिलाओं का जीवन और संघर्ष याद आ गया, जो अपनी चुनी राह पर चलने के लिए आज भी अपने घर परिवार और समाज से संघर्ष कर रही है। […]

बेवजह की चीज खरीदते-खरीदते एक दिन ऐसा आता है कि,जरूरत के लिए वजह की चीज बेचनी पड़ती  है,इसीलिए सोच-समझकर कदम उठाना वक्त की नजाकत है। उसी हिमायत की आज बहुत दरकार है,देश में चंहुओर व्यसन,फैशन और फंतासी जीवन की उधेड़बुन में खर्चीले,जहरीले और जानलेवा सामानों की भरमार है। जिसे आए […]

हम यूँ कैद हुए लम्हों की बस्ती में, जैसे शाम दरख्तों की परछाइयों मेंl धीरे-धीरे सूरज ढलने लगा संध्या सजी वृक्ष पल्लवों में, रात रानी हुई,महकने लगी पूनम का चाँद मुस्कुराने लगाl चाँदनी का आँचल लहराया, जमीं पे जुगनू जगमगाने लगे तारों की महफ़िल आसमाँ पर, बादल गीत खुशी के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।