भाग १…. महाविद्यालय की छुट्टियां हो चुकी थी, इस बार कहीं घूमने जाने का कोई कार्यक्रम नहीं बनाया,इसलिए ख़ाली समय ज्यादातर सोशल मीडिया पर बिताया करती थी। बहुत दोस्त बने, पर राजीव नाम का लड़का मुझे रोज संदेश भेजा करता था ,जो अपने आपको बनारस का बता रहा था। हमारी […]
मैं हूँ सपनों का सौदागर, स्वप्न बेचता हूँ बेचता हूँ,आशाएँ उम्मीदें,अभिलाषाएँ छुपाकर सभी दाग, दिखाकर सब्ज़बाग एक भ्रमजाल बुनता हूँ। मैं हूँ सपनों का सौदागर, स्वप्न बेचता हूँ…………॥ दिखाकर भंगिमाएँ, कर कपोल कल्पनाएँ मिथ्या बुनियादों पर, हवाई किला बनाकर यादें सहेजता हूँ। मैं हूँ सपनों का सौदागर, स्वप्न बेचता हूँ…………॥ […]