आज दिन भर आराम करना है।। शिमला की सड़कों पर घूमते रहे। आज सूट बूट भी थोड़े अच्छे वाले पहने है।आज कोई नही कह सकता कि ये पाँचों ईंट रेत और बजरी की ढुलाई करने वाले मजदूर हैं। वैसे भी इन्हें कोई मजदूर कहे तो इन्हे  अच्छा नही लगता। इनको […]

1. स्वभाव का गुण बदलता नही पानी जितना भी गर्म हो आग फिर भी बुझायेगा। या उबलकर ठण्डा हो जायेगा। 2. अब दोस्ति के खत किताब की औट मेँ नही, बल्कि चेहरे कि किताब पर पढे जाते है। 3. लिवासोँ की आजादी के लिये ईन्कलाब होने लगे है। शायद अब […]

मौन… पीडा को जीने का साहस है अनर्गल पर अंकुश है मौन स्वाभिमान की पराकाष्ठा है। परन्तु मौन हलाहल भी है जब फूटते है भीतर ही भीतर असंख्य ज्वालामुखी मौन फंदा है जब तुम कुढते हो दिल से दिमाग तक…। मौन मेरी स्वीकृति है तुम्हेँ स्वतन्त्र रखने को मौन प्रतिकार […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।