तथ्यों के अनुसार १८५८ में इंडियन एजुकेशन एक्ट बना,जिसको लॉर्ड मैकाले ने बनाया। इसे बनाने के पूर्व १८२३ में थॉमस मुन्द्रो और लिटेनर ने  एक सर्वेक्षण किया। सर्वे के अनुसार मुन्द्रो जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया १०० फीसदी साक्षरता थी (और पूरे भारत में सिर्फ जैविक पदार्थ खाते और […]

‘शिवरतन बेटा तुम्हारा साक्षात्कार बुलावा आया है’, मां ने लिफाफा हाथ में देते हुए कहा। यह मेरा सातवां साक्षात्कार था। मैं जल्दी से तैयार होकर दिए गए नियत समय 9 बजे पहुंच गया। एक घर में ही बनाए गए कार्यालय का दरवाजा खुला ही पड़ा था,मैंने बन्द किया और भीतर […]

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आज के विचार से मैं माता-पिता को यह बताना चाहूंगा कि,कुछ चीजों में आपको अपने बच्चों को समझना चाहिए,क्योंकि बच्चे यह सब चीजें शादी के १०-१५ साल बाद अनुभव करते हैं इसलिए सगाई के वक्त उनको यह बातें समझ नहीं आती है। जेसे नौकरी करने वालों और व्यापार करने वालों […]

बहस खुद से करो तो,सारे सवालों के जबाब मिल जातें हैं..और दूसरों से करो तो कई सवाल खड़े हो जाते हैं। बहस न करें दूसरों से जैसा आजकल टीवी पर होता है,टीवी की बहस निर्रथक है। समस्याओं को हटाने की बजाए समस्याएं बढ़ाई है,बस समझ की जरुरत है,इसलिये मीडिया के […]

फिल्में सामान्य जीवन पर जल्दी असर करती हैं सामाजिक जीवन में, वैसे फिल्मों में काम करने वालों की कार्यशैली ऐसी ही है कि,वो एक प्रकार के उच्च व्यवसायिक तरह का जीवन जीते हैं। ऐसे में इनसे अच्छे संस्कार की उम्मीद बेइमानी है,यानी न के बराबर। सरकार (अधिकारियों )और नेताओं को […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।